Travel Blog

Kaaluram ki Aurat : त्रिवेंद्रम से बेंगलुरू- कालूराम की औरत के साथ रोचक यात्रा हवाई सफर!

Kaaluram ki Aurat : त्रिवेंद्रम एयरपोर्ट पर फ्लाइट के इंतज़ार में श्री पद्मनाभन दर्शन को लिख डाला। अब बंगलुरू से लखनऊ की फ्लाइट के दौरान भी एयरपोर्ट पर कुछ वक्त है। अब पढ़िए कालूराम की औरत का किस्सा। पहली बार हवाई जहाज में बैठीं। सीट मिली मेरे बगल वाली। मैं खिड़की पर था। किनारे एक साहब कानों में ईयर फ़ोन में ठूस कर हाथों में लेपटॉप थामे थे। उनसे तो कुछ बोलने की हिम्मत हुई नहीं। मुझसे बोलीं-यह बेल्ट कैसे लगाते हैं। बेल्ट के एक सिरे पर वह बैठी हुईं थीं। कवच कुंडल वाला दूसरा सिरा उनके हाथ मे था। मैंने उनसे कहा पहले उठिए, वह उठीं। फिर दूसरे सिरे को मुक्त कर उन्हें बैठाया। महिला थोड़ी स्थूलकाय थीं। बेल्ट को ढीला कर बड़ा किया, फिर लगा दिया। खुश होकर बोलीं-पहली बार बैठी हूँ न। मैंने कहा कोई नहीं। तभी मेरी निगाह उनकी कलाई पर पड़ी। वहां नीली स्याही से गुदा था-कालुराम की ओरत शांति। बस मुझे विषय मिल गया दरयाफ्त करने का।

फ्लाइट टेक ऑफ कर चुकी थी। मैंने कहा बड़ा सुंदर लिखा है। जवाब मिला-चालीस साल पहले जब शादी हुई तब लिखवाया था। मैंने कहा वर्तनी अशुद्ध है। सही नहीं लिखा। बोलीं-तब पढ़ना लिखना आता किसे था। मेले में लिखवाया था। हमें खुद घर वालों ने पढ़ने नहीं दिया। पांचवी तक ही लड़कियों का स्कूल था। उसके बाद लड़कों के साथ जाना पड़ता। हमारे गांव में लड़के लड़की साथ पढ़ने का रिवाज नहीं था तब। इतनी बात हो ही रही थी कि कहां से हैं। पता चला राजस्थान के पाली जिले की हैं। जाति चौधरी लिखती हैं, हैं मारवाड़ी। पति 35 साल पहले धंधे के सिलसिले में पुणे आ गए थे। अब वहीं घर दुकान हैं। तब तक उन्हें खिड़की से बादल दिख गए। मासूम से सवाल पूछा-बादल जहाज से टकराएंगे तो नहीं, मैंने आश्वस्त किया कि कुछ नहीं होगा। वह खुश हो गईं और खिड़की से झांकने की कोशिश करने लगीं। मैंने अपनी सीट थोड़ी पीछे की और कहा-अब आराम से देखिए। वह बच्चों की तरह नदी, घर और बादल को देखकर खुशी जताने लगीं। मैंने फिर पूछा-आप अकेली निकली हो !

कालुराम की ओरत ने जवाब दिया- घर वाले तो नहीं हैं पर 90 लोग साथ हैं। आधे इस जहाज में, बाकी दूसरे में। यहां से बंगलुरू, फिर वहां से गोवा ओर उसके बाद गोवा से ट्रेन से पुणे। पता यह चला कि महिलाओं का यह ग्रुप आई माता मंदिर ट्रस्ट से जुड़ा है। इसमें ज्यादातर इन्ही के समाज के लोग हैं। सबने 22 हजार रुपए ट्रस्ट को दिए। इसमें तीन फ्लाइट के टिकट, बस यात्रा और होटल में रुकना खाना शामिल है। यह लोग तिरुपति, रामेश्वरम, कन्याकुमारी और त्रिवेन्दम होते हुए अब वापस घर जा रहे हैं। मैंने पूछा कि घर मे कौन कौन है। पता चला कि पति अलावा दो बेटे हैं। 21 और 22 के। 22 वाले की 18 साल में शादी हो गई थी। उसकी बीबी पढ़ना चाहती थी, यह लोग पढ़ाना नहीं चाहते थे। लिहाजा लड़की घर छोड़ गई। वैसे भी बाल विवाह किया था। कुछ कह नही पाई। तलाक हो गया। अब दोनों बेटे शादी नहीं कर रहे। लड़कियां भी नहीं मिल रहीं। मिलेंगी भी कैसे जब उनके समाज का लड़कियों के प्रति ऐसा रवैया हैं।

मैंने पूछा कि क्या घर मे लड़की का जन्म होने और खुश होते हैं, उन्होंने साफ कहा कि नहीं। लड़के का ही जश्न होता है। मैंने पूछा क्यों ? बोलीं लड़की पालना मुश्किल है। आजकल की तो और नहीं सुनती। फिर बोलीं जिनकी लड़की हैं, उनके तो दिमाग आसमान में हैं। पांच लाख लेकर शादी करते हैं। मैंने समझाया- जब आपकी लड़की का जन्म नहीं चाहोगी तो लड़कों की शादी किससे और कैसे होगी ? वह चुप हो गईं। फिर मैंने पूछा कि आपके मंदिर ट्रस्ट में क्या होता है। बोलीं- महीने में एक मीटिंग होती है। उसमें अच्छी बातें बताते हैं, जैसे लड़का लड़की बराबर समझो। दोनों को खूब पढ़ाओ। बीच मे लडक़ी की पढ़ाई न छुड़वाओ। लंबा घूंघट न कराओ। मन के कपड़े पहनने दो। मैंने कहा- आप लोग ऐसा करते हो ?

जवाब मिला गांव और समाज वाले पसन्द नहीं करते। फ्लाइट लैंड कर रही है, लड़कों के बारे में बोलीं- अब दोनों लड़के कह रहे हैं कि 25 के बाद नौकरी कर के शादी करेंगे, अब आधे बूढ़ा हो चुके लड़कों से शादी कौन करेगा, मैं कुछ जवाब देता तब तक उतरने की बारी आ गयी। कालुराम की ओरत को इसी फ्लाइट से गोवा जाना था-

Recent Posts

Places To Visit In Jorhat : जोरहाट में घूमने की ये हैं 10 बेहतरीन जगहें

10 Best Places To Visit In Jorhat : हम आपको जोरहाट में घूमने के लिए… Read More

3 hours ago

Ragi Cheela : 10 मिनट में प्रोटीन और फाइबर से भरपूर रागी चीला तैयार करें

Ragi Cheela : नाश्ते में चीला लोगों की पहली पसंद होता है. ज़्यादातर घरों में… Read More

3 days ago

Chhath Puja 2025 : नहाय खाय और सूर्य देव की भक्ति: छठ पूजा की शुरुआत का प्रतीक

साल 2025 में चार दिन चलने वाले छठ पर्व का पहला दिन, जिसे नहाय खाय… Read More

3 days ago

Sabarimala Temple – भगवान अयप्पा का पवित्र धाम और इसकी रहस्यमयी परंपराएं

सबरीमाला मंदिर भारत के केरल राज्य के पठानमथिट्टा जिले में स्थित एक अत्यंत पवित्र हिन्दू… Read More

3 days ago

How I Explored Telangana Without Breaking the Bank

Travelling on a budget often feels like a puzzle. You want to cover as much… Read More

3 days ago

नवरात्रि 2024 कब है? जानें तिथि, पूजा समय, अनुष्ठान, महत्व और बहुत कुछ

नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि या शरद नवरात्रि के नाम से भी जाना जाता है। यह… Read More

6 days ago