Tourist Places in Kolkata: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता की ऐसी जगहों के बारे में जानिए जहां पर्यटकों को जरूर जाना चाहिए
Tourist Places in Kolkata: कोलकाता ‘सिटी ऑफ़ जॉय’के नाम से भी मशहूर है. ये शहर हुगली नदी के पूर्वी तट पर स्थित है और पश्चिम बंगाल की राजधानी है. ये भारत का दूसरा सबसे बड़ा शहर है. कोलकाता मे स्थित ‘ईडन गार्डन दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम है.
भारत मे सबसे पहले मेट्रो ट्रेन कोलकाता मे ही चली थी. इसके अलावा यही एक ऐसा शहर है जहां की सड़कों पर लंबे वक्त तक ‘ट्राम’ चली. कोलकाता में कई टूरिस्ट प्लेस हैं. ताज़गी भरे बगीचों, शांत झीलों, ऐतिहासिक इमारतों, म्यूज़ियम ,लाईब्रेरी, खेल स्टेडियमों से लेकर प्राचीन मंदिरों और चर्चों तक, कोलकाता में घूमने के लिए कई जगह हैं. आइए जानते हैं कोलकाता के टूरिस्ट प्लेस (Tourist Places in Kolkata) के बारे में…
कोलकाता में विक्टोरिया मेमोरियल शहर के फेमस टूरिस्ट जगहों में से एक है. महारानी विक्टोरिया की याद में बनी यह खूबसूरत संरचना एक म्यूज़ियम और पर्यटकों के आकर्षण का सेंटर है. यह 1906-1921 के बीच निर्मित एक प्रतिष्ठित ब्रिटिश स्मारक है और इसका आर्किटेक्चर हर किसी को प्रभावित करता है. अगर आप खुद को पुराने ब्रिटिश राज की राजधानी में पाना चाहते हैं तो आपको इस अविश्वसनीय विक्टोरिया मेमोरियल का एक बार दौरा जरूर करना चाहिए.
म्यूज़ियम के द्वार के प्रवेश द्वार पर संगमरमर से बने दो शेर बने हैं और जैसे ही कोई द्वार में प्रवेश करता है, रानी विक्टोरिया की विशाल कांस्य प्रतिमा विराजमान है. यह प्रतिमा इंग्लैंड में तराशी गई थी और भारत भेजी गई थी.
हावड़ा ब्रिज को रवींद्र सेतु के नाम से भी जाना जाता है, इसे दुनिया का सबसे बिजी पुल और 20वीं सदी की इंजीनियरिंग का बेहतरीन उदाहरण माना जाता है. कोलकाता में घूमने के लिए एक लोकप्रिय जगह हावड़ा ब्रिज हुगली नदी पर बना है. करीब 705 मीटर लंबा यह ब्रिज कोलकाता और हावड़ा को जोड़ता है.
साल 1874 में बना यह पुल 270 फीट ऊंचे खंभों पर बिना नट और बोल्ट के उपयोग के बनाया गया था. हुगली नदी के अन्य बिंदुओं पर दो अन्य पुल हैं, विवेकानंद सेतु और विद्यासागर सेतु.
इसे बंगाल के इतिहास और संस्कृति का प्रतीक माना जाता है क्योंकि पुल कई ऐतिहासिक घटनाओं का गवाह है. इनमें विश्व युद्ध भी शामिल है. यह दुनिया का तीसरा सबसे लंबा कैंटिलीवर पुल था.
दक्षिणेश्वर काली मंदिर पश्चिम बंगाल के कोलकाता के दक्षिणेश्वर में हुगली नदी के किनारे स्थित है. इस मंदिर में मां भवतारिणी की मूर्ति स्थापित है. इन्हें मां काली का रूप माना जाता है.
कहा जाता है कि यहां मां के दर्शन मात्र से श्रद्धालुओं की सभी मनोकामना पूरी हो जाती हैं. कोलकाता का दक्षिणेश्वर काली मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है.
यहां आने वाले श्रद्धालुओं पर मां की असीम कृपा बनी रहती है. पौराणिक कथाओं के अनुसार जब भगवान विष्णु ने अपने चक्र से मां सती के शरीर के टुकड़े किए थे तो उनके दाएं पैर की कुछ उंगलियां इसी जगह पर गिरी थी.
मुख्य मंदिर के विशाल प्रांगण में काले पत्थर के शिवलिंगों के साथ एक दूसरे के समान 12 छोटे शिव मंदिर हैं. शिव मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों का प्रतिनिधित्व करते हैं और मंदिरों का निर्माण विशिष्ट बंगाल स्थापत्य शैली में किया गया है जिसे ‘आट-चला’ (आठ बाज) कहा जाता है.
यहीं एक शिव मंदिर में श्री रामकृष्ण परमहंस को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी.
निक्को पार्क जेहल मिल, सेक्टर 4, साल्ट लेक सिटी, कोलकाता शहर, पश्चिम बंगाल में स्थित एक मनोरंजन पार्क है. इसे पश्चिम बंगाल का डिज्नी लैंड भी कहा जाता है. यह पिछले लगभग 30 वर्षों से पर्यटकों का मनोरंजन कर रहा है. 13 अक्टूबर 1991 को इसका उद्घाटन किया गया. पार्क के मालिक पश्चिम बंगाल सरकार और निक्को संयुक्त रूप से हैं
इसे साल 1991 में जनता के लिए खोला गया था और इसमें 35 से अधिक विभिन्न आकर्षण हैं जिनमें पानी की सवारी, मनोरंजन की सवारी जैसे टॉय ट्रेन, टिल्ट-ए-व्हर्ल, स्ट्राइकिंग कार, पैडल बोट, वाटर शूट, वॉटर कोस्टर, फ्लाइंग सॉसर, समुद्री डाकू जहाज शामिल हैं. पार्क को निक्को कॉर्पोरेशन लिमिटेड और पश्चिम बंगाल सरकार के बीच एक संयुक्त उद्यम के रूप में चलाया जाता है.
1814 में निर्मित कोलकाता में इंडियन म्यूजियम देश का सबसे पुराना म्यूजियम माना जाता है. यह कोलकाता में एशियाटिक सोसाइटी ऑफ बंगाल द्वारा स्थापित है. इसके संस्थापक डेनमार्क के डॉ. नथानिएल वालिच थे. इसे 1878 में जनता के लिए खोला गया था. छह मुख्य वर्गों और 60 से अधिक दीर्घाओं के साथ, यह म्यूजियम देश का सबसे बड़ा म्यूजियम है. इसे लेकर दावा किया जाता है कि ये दुनिया का नौवां सबसे पुराना म्यूजियम है.
मुगल चित्रों, कंकालों, गहनों और प्राचीन वस्तुओं का एक विस्तृत संग्रह यहां प्रदर्शित किया गया है. न केवल एक समृद्ध संग्रह के साथ, यह म्यूजियम टूरिस्टों को सुंदर आर्किटेक्चर के साथ भी आकर्षित करता है. इसे इटली के आर्किटेक्ट वॉल्टर बी ग्रेविल ने डिजाइन किया था.
कोलकाता रेस कोर्स वह स्थान है जहां पहली बार हॉर्स रेस आयोजित की गई थी. इसकी सुंदर बनावट कोलकाता टूर के दौरान देखने लायक है. कई हॉर्स रेस पब्लिक हॉलिडे और वीकेंड में आयोजित की जाती हैं. हालांकि इस जगह की यात्रा करने का सबसे अच्छा समय सितंबर से मार्च के महीनों के दौरान है.
रेस कोर्स का रखरखाव रॉयल कलकत्ता टर्फ क्लब द्वारा किया जाता है. रेस कोर्स से सटे पोलो ग्राउंड को भारत में सबसे अच्छा पोलो ग्राउंड कहा जाता है.
कोलकाता में घूमने की एक और जगह है मार्बल पैलेस, जिसका निर्माण वर्ष 1835 में किया गया था. जैसा कि नाम से पता चलता है, इसे संगमरमर से बनाया गया है. राजा राजेंद्रो मलिक एक ज़मींदार थे और उनकी निजी संपत्ति के रूप में निर्मित, इस महल को अक्सर ‘कला का महल’ कहा जाता है.
राजा के परिवार के परिवार के सदस्य अभी भी महल में रहते हैं, हालांकि कोई भी यहां जा सकता है. इसमें एक छोटा चिड़ियाघर है जहां आप कई तरह के पक्षियों और जानवरों को देख सकते हैं.
परिसर के अंदर एक जगन्नाथ मंदिर है जिसे केवल बाहर से ही देखा जा सकता है क्योंकि केवल परिवार के सदस्य ही मंदिर के अंदर जा सकते हैं. इस मंदिर की खासियत यह है कि इसे महल बनने से पहले ही बनवाया गया था.
भारत का सबसे पुराना क्रिकेट मैदान होने के ना ईडन गार्डन क्रिकेट प्रेमियों के लिए किसी तीर्थ से कम नहीं है. यह दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित क्रिकेट स्टेडियमों में से एक है. यह खेल से जुड़े कई ऐतिहासिक पलों का स्थान है.
इस स्टेडियम में 68,000 दर्शकों के बैठने की क्षमता है. इसके निर्माण के बाद से इसमें कई सुधार हुए हैं. इस स्टेडियम में पहला मैच 1917-18 में हुआ था. ईडन गार्डन्स में पहला टेस्ट मैच 1934 में खेला गया था जबकि पहला वनडे मैच 1987 में खेला गया था. यह कोलकाता में देखने लायक जगह है.
यह न केवल भारत का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम है, बल्कि दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्टेडियम भी है. ऑस्ट्रेलिया में मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड इससे बड़ा है. यह बंगाल रणजी टीम और आईपीएल टीम कोलकाता नाइट राइडर्स का होम स्टेट भी है. इसे पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव वॉ द्वारा ‘द लॉर्ड्स ऑफ इंडियन सबकॉन्टिनेंट’ कहा गया है.
कोलकाता के उत्तर जोरसांको में स्थित जोरासांको ठाकुर बाड़ी टैगोर परिवार का पैतृक घर है. इसे 1784 में बनाया गया था. जोरासांको ठाकुर बाड़ी अब एक भारती म्यूज़ियम है. इसे आमतौर पर स्थानीय भाषा में जोरासांखो ठाकुरबारी के नाम से जाना जाता है. इस पैतृक घर में प्रदर्शित की गई 700 पेंटिंग विशेष रूप से पर्यटकों का ध्यान आकर्षित करती हैं. इसमें तीन अलग-अलग दीर्घाओं, पांडुलिपियों, पुस्तकों और अन्य प्राचीन वस्तुओं को भी देखा जा सकता है.
जोरासांको ठाकुर बाड़ी रवींद्रनाथ टैगोर का जन्म स्थल है जहां उन्होंने अपना अधिकांश जीवन बिताया और फिर यहीं उनका निधन भी हुआ. यह जगह पर्यटकों के साथ-साथ इतिहास और बंगाली साहित्य के प्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. यह 35,000 वर्ग मीटर के क्षेत्र में निर्मित एक महलनुमा ‘लाल ईंट’ हवेली है.
भारत का सबसे बड़ा पुस्तकालय, नेशनल लाइब्रेरी कोलकाता में घूमने के लिए एक और महत्वपूर्ण स्थान है. राष्ट्रीय पुस्तकालय एक ऐसा स्थान है जो सभी को अच्छा लगता है.
30 एकड़ भूमि में फैला यह अलीपुर पुस्तकालय बेल्वेडियर एस्टेट में स्थित है. यह लाइब्रेरी अब संस्कृति विभाग, पर्यटन और संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा चलाई जाती है. इसकी समृद्ध लाइब्रेरी में देश की लगभग सभी प्रमुख भाषाओं की पुस्तकें हैं, जिनमें तेलुगु, सिंधी, पंजाबी, हिंदी, उर्दू और कई अन्य भाषाएं शामिल हैं. पुस्तकालय में बच्चों के लिए अलग सेक्शन भी है.
मिशनरीज ऑफ चैरिटी के मुख्यालय को ‘मदर हाउस’ के नाम से भी जाना जाता है. इसे 1950 में मदर टेरेसा द्वारा मानवता की सेवा करने के मकसद से स्थापित किया गया था. उसके अंतिम विश्राम स्थल के रूप में इसी जगह उनकी कब्र भी है.
टूरिस्ट उस घर को भी देख सकते हैं जहां उसने अपने जीवन के अधिकांश वर्ष बिताए हैं. कोलकाता में घूमने के लिए यह एक महत्वपूर्ण जगह है. इमारत के पास ही एक छोटा सा म्यूजियम भी बनाया गया है, जिसमें मदर टेरेसा के जीवन को दर्शाया गया है.
जॉय सिटी के कई प्रसिद्ध स्थलों और आकर्षणों में से एक बिड़ला तारामंडल डिजाइन में सांची स्तूप जैसा दिखता है. एशिया में सबसे पुराना और सबसे बड़ा तारामंडल होने और दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा तारामंडल होने की अपनी विशिष्टता है. यह 1962 में बनाया गया था और भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने इसका उद्घाटन किया था.
273 एकड़ के विशाल भू भाग में फैला हुआ यह उद्यान हुगली नदी के पश्चिमी तट पर स्थित है. इस गार्डन को भारत के सबसे प्राचीन गार्डन में गिना जाता है. ईस्ट इंडिया कंपनी ने इसकी स्थापना 1787 में व्यवसायिक उद्देश्य के लिए की थी.
इस गार्डन में लगभग 12000 से भी अधिक जीवित बारहमासी पौधे देखने को मिल जाएंगे जिनको दुनियाभर से एकत्रित किया गया हैं. इसके अलावा इस गार्डन में एक बरगद का विशाल पेड़ है जो यहां के प्रमुख आकर्षणों में से एक है. 250 साल पुराना यह गार्डन 3 एकड़ के भू भाग को कवर करता है.
जैनियों के प्रसिद्ध 4 तीर्थों को समर्पित यह मंदिर कोलकाता के सबसे लोकप्रिय मंदिरों में शुमार है. यह जैन अनुयायियों का बेहद प्रसिद्ध धार्मिक केंद्र है. इस मंदिर पर बहुत ही खूबसूरत नक्काशी की गई है. यह मंदिर तीर्थ स्थल होने के साथ साथ कोलकाता का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल भी है जहां पर काफी श्रद्धालु आते हैं.
46 एकड़ में फैला हुआ अलीपुर चिड़ियाघर कोलकाता में बच्चों के साथ घूमने की प्रसिद्ध जगह है. वन्यजीव प्रेमियों के लिए यह स्थान स्वर्ग समान है.
यहां पर आप को कई तरह के वन्य प्राणी देखने को मिल जाएंगे जिसमें मृग, हिरण, सफेद टाइगर, रॉयल बंगाल टाइगर, जेबरा और हाथी आदि शामिल हैं.
इसके अलावा यहां पर अलग-अलग प्रकार के तीतर, हॉर्नबिल्स तथा शुतुरमुर्ग के अलावा कई दूसरी पक्षी भी देख सकते हैं.
Iran Travel Blog : ईरान, जिसे पहले फारस (Persia) के नाम से जाना जाता था,… Read More
Pahalgam Travel Guide : भारत के जम्मू-कश्मीर में स्थित पहलगाम (Pahalgam) उन चंद जगहों में… Read More
Haifa Travel blog: इजरायल और ईरान युद्ध में जिस एक शहर की चर्चा सबसे ज्यादा… Read More
Jagannath Puri Temple, ओडिशा का एक ऐसा धार्मिक स्थल है जो न केवल आस्था बल्कि… Read More
उत्तराखंड के प्रसिद्ध तीर्थस्थल केदारनाथ तक पहुँचने के लिए हर साल हजारों श्रद्धालु Helicopter Services… Read More
Air travel को भले ही आज सबसे सुरक्षित transport modes में गिना जाता है, लेकिन… Read More