Central Vista Redevelopment Project : राजपथ के नए नाम कर्तव्य पथ में क्या नया होगा, आइए जानते हैं इस आर्टिकल में
Central Vista Redevelopment Project : 106 शौचालयों, 16 स्थायी पुलों और 140 नए पेड़ों के साथ, दिल्ली में पुनर्विकसित सेंट्रल विस्टा एवेन्यू के हिस्से के रूप में Kartavya Path का उद्घाटन हो चुका है. 8 सितंबर, गुरुवार को PM नरेंद्र मोदी इस पथ के साथ साथ इंडिया गेट पर Subhash Chandra Bose Statue का भी अनावरण किया.
477 करोड़ रुपये की लागत से पुनर्विकसित एवेन्यू का उद्घाटन गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया और इसी के साथ राजपथ का नाम बदलकर ‘कर्तव्य पथ’ कर दिया गया.
सेंट्रल विस्टा एवेन्यू का पुनर्विकास राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक फैला हुआ है, सेंट्रल विस्टा ऐसा प्रोजेक्ट है, जिसमें एक नए त्रिकोणीय संसद भवन और केंद्रीय सचिवालय और अन्य सरकारी कार्यालयों के पुनर्निर्माण की परियोजना तैयार की गई है.
2016 में, अहमदाबाद के एक वास्तुकार बिमल पटेल ने एक समाचार पत्र में एक लेख लिखा, जिसमें एक नए संसद भवन के निर्माण का प्रस्ताव दिया गया था.
संयोग से, पटेल ने गांधीनगर में विधानसभा के लिए कार्यालयों का एक नया परिसर तैयार किया था. ये वो वक्त था जब मोदी मुख्यमंत्री थे. कुछ साल बाद उनकी फर्म को सेंट्रल विस्टा रिवैम्प प्रोजेक्ट का मास्टरप्लान और डिजाइन तैयार करने का ठेका मिला. पटेल की फर्म वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण में भी शामिल है, जो मोदी का एक और ड्रीम प्रोजेक्ट है.
सेंट्रल विस्टा, इस प्रकार लुटियंस जोन के चेहरे को बदलने और इसके चरित्र को मौलिक रूप से बदलने के लिए एक व्यापक योजना है. इसे केंद्र सरकार की इसी तरह की योजनाओं के संयोजन के साथ देखा जाना चाहिए.
सितंबर 2022: केंद्र ने राजपथ और सेंट्रल विस्टा लॉन का नाम बदलकर कर्तव्य पथ करने की घोषणा की. यह मार्ग राष्ट्रपति भवन से रायसीना हिल पर विजय चौक और इंडिया गेट से दिल्ली के नेशनल स्टेडियम तक है.
मई 2022: महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत प्रधान मंत्री के आवास का निर्माण दिसंबर 2022 तक पूरा हो जाएगा. केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) ने सरकार द्वारा नियुक्त विशेषज्ञ पैनल को सूचित किया, जिसने परियोजना को अपनी मंजूरी दे दी. सीपीडब्ल्यूडी, जो कि परियोजना का काम कर रहा है, उसने विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति (ईएसी) को सूचित किया कि संसद भवन का विस्तार और नए संसद भवन का निर्माण नवंबर 2022 तक किया जाएगा और प्रधानमंत्री आवास का निर्माण दिसंबर 2022 तक किया जाएगा. पर्यावरण मंत्रालय पहले ही मौजूदा संसद भवन के विस्तार और नवीनीकरण के लिए मंजूरी दे चुका है, जो कि 13,450 करोड़ रुपये की सेंट्रल विस्टा रिडेवलमेंट परियोजना का हिस्सा है.
नवंबर 2021: सुप्रीम कोर्ट ने एक भूखंड के भूमि इस्तेमाल में बदलाव को चुनौती देने वाली एक याचिका को खारिज कर दिया, जहां भारत के उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के नए आधिकारिक आवास दिल्ली में महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा परियोजना के हिस्से के रूप में आने वाले हैं.
अक्टूबर 2021: केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि सेंट्रल विस्टा परियोजना के हिस्से के रूप में बनाया जा रहा नया संसद भवन 2022 के शीतकालीन सत्र के लिए तैयार होगा.
सितंबर 2021: लगभग 7,000 रक्षा मंत्रालय के अधिकारी नए कार्यालयों में चले गए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर और दक्षिण ब्लॉक के आसपास पुराने कॉम्प्लैक्स की जगह नए कार्यालय परिसरों का उद्घाटन किया. कस्तूरबा गांधी मार्ग और अफ्रीका एवेन्यू में नए स्थान सामने आए. सेंट्रल विस्टा परियोजना में आवश्यक परिवर्तनों के हिस्से के रूप में कार्यालयों को स्थानांतरित करने की आवश्यकता थी.
मई 2021: विपक्षी दल के बारह नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर नई दिल्ली में सेंट्रल विस्टा के निर्माण को रोकने का आग्रह किया. नेताओं ने परियोजना के लिए आवंटित धन का उपयोग स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए करने का सुझाव दिया.
दिसंबर 2020: सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को सेंट्रल विस्टा परियोजना पर सभी निर्माण गतिविधियों को रोकने का आदेश दिया.
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा भी उसी स्थान पर स्थापित की जा रही है जहां पीएम मोदी द्वारा 23 जनवरी (नेताजी के जन्मदिन) पराक्रम दिवस पर इस साल की शुरुआत में उनकी होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण किया गया था. ग्रेनाइट से बनी यह प्रतिमा भारत के स्वतंत्रता संग्राम में नेताजी के अपार योगदान के लिए एक उपयुक्त श्रद्धांजलि है. 28 फुट ऊंचे इस ढांचे को एक अखंड ग्रेनाइट पत्थर से उकेरा गया है और इसका वजन लगभग 65 मीट्रिक टन है.
राजपथ और उसके आसपास और सेंट्रल विस्टा एवेन्यू के आसपास के इलाकों में यातायात की समस्या से निपटने के लिए सुधार किया गया था, जो पर्यटकों की बढ़ती संख्या से जूझ रहा है. नए पावर कॉरिडोर में सार्वजनिक शौचालय, पेयजल, स्ट्रीट फर्नीचर और पर्याप्त पार्किंग की जगह जैसी सुविधाएं होंगी.
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