Delhi-Ghaziabad-Meerut Rapid Rail : दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रैपिड रेल के अलावा आइए अलवर-करनाल रैपिड रेल कॉरिडोर के बारे में भी जानते हैं...
Delhi-Ghaziabad-Meerut Rapid Rail : दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ को जोड़ने वाली रैपिड रेल 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चली. प्रशासन ने 18 जनवरी बुधवार को ट्रायल रन किया. रैपिड रेल के जरिए लोग सिर्फ 50 मिनट में दिल्ली से मेरठ के बीच सफर कर सकेंगे. दिल्ली और मेरठ के बीच की दूरी महज 82 किलोमीटर है. आपको बता दें कि इस प्रोजेक्ट में लगे सभी इंजीनियरों के लिए ये पहला एक्सपीरियंस था, जब रैपिड रेल इतनी तेज गति पर दौड़ाई गई.
गाजियाबाद से दुहाई स्टेशन के बीच इतनी तेज स्पीड पर इसका पहली बार ट्रायल हुआ. इससे पहले ये ट्रेन 25 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड पर चलाई गई थी. हालांकि एनसीआरटीसी का कहना है कि ये ट्रायल रन नहीं है. ट्रायल रन की तारीख ऑफिशियल तौर पर जल्द घोषित की जाएगी.
पहले चरण के तहत रैपिड रेल गाजियाबाद के साहिबाबाद से दुहाई तक चलेगी. यह 17 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर होगा. अधिकारियों ने 2023 तक निर्माण पूरा करने का लक्ष्य रखा है. रैपिड रेल की टॉप स्पीड 180 किमी प्रति घंटा है. इसके विकास पर 30,274 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए जाएंगे. रैपिड रेल स्टेशनों का नोएडा और ग्रेटर नोएडा से सीधा संपर्क होगा. सरकार 17 रूटों पर 114 बसें चलाएगी. गाजियाबाद में सात रैपिड रेलवे स्टेशन होंगे. इन स्टेशनों के आसपास 4041 हेक्टेयर भूमि में विकास किया जाएगा.
इन जमीनों का इस्तेमाल मॉल और रिहायशी इमारतों के निर्माण में किया जाएगा.
आईआईटी रुड़की की एक टीम इस बात का रिसर्च कर रही है कि यह परियोजना गाजियाबाद और मेरठ के परिवेश को कैसे बदलती है. मेगा-प्रोजेक्ट का अपडेट लेने के लिए सोमवार को एक टीम गाजियाबाद और मेरठ पहुंची. गाजियाबाद-मेरठ-दिल्ली रैपिड रेल परियोजना तीनों शहरों के बीच संपर्क बढ़ाएगी. यह उनके बीच तेजी से विकास का कारण भी बनेगा.
नवंबर 2022 तक, परियोजना पर 11,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए जा चुके थे.पूरी परियोजना के 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है.
आरआरटीएस कॉरिडोर में छह कोच होंगे – पांच स्टैंडर्ड कोच और एक प्रीमियम श्रेणी का कोच
गलियारे के चारों ओर विकसित होने वाली भूमि का आकार: साहिबाबाद स्टेशन के पास 815 हेक्टेयर, गाजियाबाद के पास 621 हेक्टेयर, गुलधर के पास 1005 हेक्टेयर, दुहाई के पास 440 हेक्टेयर, मुरादनगर, मोदीनगर के पास 373 हेक्टेयर होगा.
रैपिड रेल हरियाणा के जीटी रोड बैल्ट पर दौड़ती नजर आ सकती है. रैपिड मैट्रो अब पानीपत और करनाल तक भी पहुंच सकती है. जिसके लिए ड्रोन सर्वे की तैयारियां पूरी हो गई है. अब इसके लिए जमीनी स्तर पर प्रोजेक्ट (Project) पर काम शुरू हो गया है. रैपिड मैट्रो को लेकर अब रूट तय किए जा रहे है कि कहां-कहां इसके लिए स्टेशन बनाए जाए. इस पूरे रुट पर 17 स्टेशन बनाए जाएंगे. जिनमें से करनाल में तीन रैपिड मैट्रो स्टेशन बनाए जाएंगे.
पहले रैपिड मैट्रो का प्रोजेक्ट पानीपत तक के लिए था लेकिन हरियाणा सरकार ने इस प्रोजेक्ट को अब करनाल तक कर दिया है. कुछ महीने पहले ही दिल्ली-पानीपत रैपिड मैट्रो को आरआरटीएस से मंजूरी मिली थी. अब करनाल तक रैपिड मैट्रो के कुल 17 स्टेशन बनाए जाने प्रस्तावित हैं. पानीपत की ओर से करनाल आते हुए पहला स्टेशन घरौंडा में बनाया जाएगा. तो दूसरा स्टेशन ऊंचा समाना और तीसरा स्टेशन बलड़ी बाइपास के पास बनाया जाएगा. ये तीनों स्टेशन हाइवे से लगते हुए होंगे.
एक रैपिड मैट्रो ट्रेन में 250 लोग सवार हो सकते है. और यात्रियों के लिए सबसे सुविधा वाला बात यह होगी कि इन रैपिड मैट्रो ट्रेन (Rapid Metro train) के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा. हर 10 मिनट बाद एक ट्रेन स्टेशन पर यात्रियों को लेने के लिए पहुंच जाएगी. खासकर पानीपत, करनाल और सोनीपत के लोगों को इन रैपिड मैट्रो ट्रेन से बहुत सहुलियत होने वाली है.
वहीं, आपको बता दें कि रैपिड मैट्रो के बाद दिल्ली-पानीपत मेट्रो रेल लाइन के लिए भी स्टेशन तय कर लिए गए है. मेट्रो लाइन का काम भी जल्द शुरू होने की संभावना है. इस प्रोजेक्ट के लिए 21, 627 करोड़ रुपए का बजट बताया जा रहा है
राष्ट्रीय राजधानी और राजस्थान के नजदीकी किले शहर अलवर के बीच राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र योजना बोर्ड (एनसीआरपीबी) ने दिल्ली-रेवाड़ी-अलवर को रैपिड रेल ट्रांजिट कॉरिडोर से जोड़ने की योजना बनाई है. 36,000 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली इस परियोजना से दिल्ली-मुंबई औद्योगिक कॉरिडोर (डीएमआईसी) को बढ़ावा मिलने की संभावना है. एक बार चालू हो जाने के बाद दिल्ली और अलवर के बीच की दूरी 104 मिनट में तय हो जाएगी. फिलहाल इसमें 3.5 घंटे लगते हैं.
हाई स्पीड ट्रेन के जरिए दिल्ली से बहरोड़ तक 106 किलोमीटर का सफर महज 70 मिनट में पूरा होगा. इस ट्रैक पर 180 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से ट्रेन दौड़ेगी. ट्रेन में 9 कोच होंगे. ट्रेन में हवाई जहाज की तरह बैठने की सीटें होंगी. इस रूट पर 5 से 10 मिनट में ट्रेन मिलेगी.
Iran Travel Blog : ईरान, जिसे पहले फारस (Persia) के नाम से जाना जाता था,… Read More
Pahalgam Travel Guide : भारत के जम्मू-कश्मीर में स्थित पहलगाम (Pahalgam) उन चंद जगहों में… Read More
Haifa Travel blog: इजरायल और ईरान युद्ध में जिस एक शहर की चर्चा सबसे ज्यादा… Read More
Jagannath Puri Temple, ओडिशा का एक ऐसा धार्मिक स्थल है जो न केवल आस्था बल्कि… Read More
उत्तराखंड के प्रसिद्ध तीर्थस्थल केदारनाथ तक पहुँचने के लिए हर साल हजारों श्रद्धालु Helicopter Services… Read More
Air travel को भले ही आज सबसे सुरक्षित transport modes में गिना जाता है, लेकिन… Read More