Kartarpur Sahib Gurudwara - What will be the impact of the new decision of the Government of Pakistan
Kartarpur Sahib Gurudwara– पाकिस्तान में स्थित करतारपुर साहिब गुरुद्वारा घूमने की योजना बना रहे हैं तो यह आर्टिकल आपके लिए ही है. पाकिस्तान की कमेटी ने यहां आने वाले पर्यटकों के लिए कुछ बदलाव किए हैं. सिखों के पवित्र धर्म स्थल करतारपुर साहिब पर इसका प्रबंधन SGPC से वापस लेकर ETPB नाम की मुस्लिम कमेटी को सौंप दिया है. यह Evacuee Trust Property Board यानी ETPB से जुड़ी है इस यूनिट में कुल 9 लोग शामिल हैं. ETPB को पूरे तरीके से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई कंट्रोल करती है. खास बात तो यह है कि गुरुद्वारे के रख रखाव के लिए बनाए गई इस यूनिट में एक भी सिख सदस्य नहीं है. इसका पहला अध्यक्ष आईएसआई चीफ जावेद नासिर था अब करतारपुर बॉडी को मोहम्मद तारिक खान हेड कर रहे हैं. इस खबर में हम आपको बताएंगे क्या है ETPB संस्था.
Kartarpur Corridor Journey : कैसे पहुंचे करतारपुर साहिब , Tips to Know
जानकारी के मुताबिक करतारपुर साहिब गुरुद्वारे के रख रखाव का काम पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी से छीन कर Project Management Unit को सौंपा गया है. इस यूनिट में कुल 9 लोग शामिल हैं और यह पाकिस्तान के Evacuee Trust Property Board यानी ETPB से जुड़ी है. खास बात है कि गुरुद्वारे के रख रखाव के लिए बनाए गई इस यूनिट में एक भी सिख मेंबर नहीं है.
बताया जा रहा है कि Project Management Unit का सीईओ मो. तारिक खान को बनाया गया है. पाकिस्तान सरकार की तरफ से जारी किए गए नए हुक्म में प्रोजेक्ट बिजनेस प्लान का भी जिक्र है. यानी कि इमरान खान सरकार अब गुरुद्वारे से भी पैसा कमाने की जुगत कर रही है. ETPB को पूरे तरीके से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई कंट्रोल करती है.
Kartarpur Sahib Yatra : क्या वो ISI की नजरें थी, जो मुझे घूर रही थीं ?
जानकारी के मुताबिक इवैक्यू ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड की स्थापना साल 1960 में की गई थी. इसका मुख्यालय लाहौर में है. ये बोर्ड इसलिए बनाया गया था ताकि बंटवारे के वक्त पाकिस्तान में हिंदू और सिख परिवारों द्वारा छोड़ दी गई जमीन की देखभाल की जा सके. ये स्ववित्तपोषित निकाय है. इसी का एक हिस्सा है पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी जिसे गुरुद्वारा दरबार साहिब की देखरेख का जिम्मा सौंपा गया था.
कहा जा रहा है कि पाकिस्तान ने आर्थिक लाभ कमाने के उद्देश्य से और करतारपुर कॉरीडोर का कमर्शियल लाभ उठाने के लिए ऐसा फैसला किया. पाकिस्तान ने तय किया है कि जो भी भारतीय सिख श्रद्धालु करतारपुर कॉरीडोर के जरिए दरबार साहिब गुरुद्वारा का दर्शन करने जाएगा उसे 20 डॉलर का भुगतान करना होगा.
इस बीच भारत में शिरोमणि अकाली दल ने भी पाकिस्तान की इस हरकत की आलोचना की है. पार्टी प्रवक्ता दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि पाकिस्तान का ये फैसला निंदनीय है.
फिलहाल कोरोना महामारी के चलते करतारपुर कॉरिडोर बंद है. भारत ने कहा है कि इसे खोलने का फैसला पाबंदियों में ढील होने के बाद सही समय पर लिया जाएगा. 30 नवंबर को गुरु नानक देव जी की 551वीं जयंती है, जिसके लिए पाकिस्तान ने सिख श्रद्धालुओं को आमंत्रित किया है, वहीं भारत के सामने भी पाक ने करतारपुर कॉरिडोर को खोलने का प्रस्ताव रखा है.
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