Longewala's place where PM Modi reached, why is he special
Longewala: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2014 में पहली बार पीएम बनने के बाद से ही हर साल दिवाली का त्योहार जवानों संग मनाते रहे हैं. हर साल की तरह इस साल भी पीएम मोदी जवानों संग दिवाली मनाने के लिए जवानों के बीच पहुंचे. इस बार वह राजस्थान की जैसलमेर सीमा पर स्थित लोंगेवाला पोस्ट पर पहुंचे. यहां उन्होंने जवानों संग दिवाली मनाई और उन्हें मिठाई बांटी. आज हम आपको लोंगेवाला के बारे में कुछ दिलचस्प बात बताने जा रहे हैं.
लोंगेवाला वार मेमोरियल जैसलमेर के लोकप्रिय पर्यटक स्थलों मे से एक है जो भारतीय सैनिकों के साहस, बहादुरी, और उनकी वीरता के सम्मान में बनाया गया है. लोंगेवाला वॉर मेमोरियल एक प्रेरणादायक जगह है जो युद्ध वीरता और हमारे बहादुर सैनिकों के सर्वोच्च बलिदान को याद करता है. यह भारतीय सैनिकों के साहस का उदहारण है जब 4 दिसंबर, 1971 को लांगेवाला की लड़ाई ने इतिहास रच दिया, जब लगभग सौ भारतीय रक्षकों ने लगभग 2000 पाकिस्तानी सैनिकों और 60 टैंकों को बहादुरी से सामना करते हुए रोका था.
भारतीय और पाकिस्तानी दोनों सेनाओं के विशाल युद्ध टैंक, जीप देख सकते हैं और प्रत्येक प्रदर्शन के पीछे के इतिहास के बारे में जान सकते है. दीवारों में लगी तस्वीरों ,पिस्तौल और तोपों सहित विभिन्न हथियारों में लड़ाई की एक झलक देखने को मिलती है और प्रष्ठभूमि में ऐतिहासिक तथ्यों का एक ऑडियो वर्णन चलता है.
Gadisar Lake : गड़ीसर झील दिखने में है बेहद खूबसूरत, विदेश से भी लोग आते हैं देखने
यदि आप युद्ध के दौरान सैनिकों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले बंकरों में उतरते हैं, तो आप भारत के इतिहास के सबसे अंधेरे क्षणों में से एक भारी माहौल को महसूस करेंगे। भारतीय सैनिकों के इसी धैर्य और फोलादी संकल्प का जश्न मनाने के लिए, लोंगेवाला में डेजर्ट कोर ने लोंगेवाला वार मेमोरियल का निर्माण किया, जहा देश प्रेमी जाकर भारतीय सनिको की वीरता को सल्युट करते है, तो आप भी अपना कुछ समय निकालकर भारतीय वीरो का श्रधांजलि देने और घूमने के लिए लोंगेवाला वार मेमोरियल जा सकते हैं.
लोंगेवाला वॉर मेमोरियल का इतिहास के साथ एक महत्वपूर्ण संबंद्ध है जो भारतीय वीरो की स्मृति में निर्मित है 4 दिसंबर, 1971 थार में लोंगेवाला की भारतीय सीमा चौकी पर पाकिस्तानी सेना और भारतीय रक्षकों के बीच लड़ाई हुई.
युद्ध में 120 भारतीय सैनिकों के सामने 4 हंटर लड़ाकू विमान और 2000-3000 पाकिस्तानी सैनिकों के साथ 40-45 टैंक थे. मेजर कुलदीप सिंह चंदपुरी की कमान वाली भारतीय सेना की 23 वीं बटालियन, ने पाकिस्तानी सैनिकों का बहादुरी से सामना करते हुए रोका था. जिनकी बहादुरी को आज भी पुरे देश में गौरव के साथ याद किया जाता है.
हल्दी घाटी वही जगह जहां महाराणा प्रताप और अकबर की सेना के बीच हुआ था युद्ध
अगर आप जैसलमेर में लोंगेवाला वॉर मेमोरियल घूमने का प्लान बना रहे हैं तो आपको बता दे की लोंगेवाला वॉर मेमोरियल पर्यटकों के लिए प्रतिदिन सुबह 8.00 बजे शाम से 6.00 बजे तक खुला रहता है .
लोंगेवाला वॉर मेमोरियल पर्यटकों के घूमने के लिए बिलकुल फ्री है यहां पर्यटकों को घूमने के लिए किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं देना होता है.
डीग पैलेस की कहानी है एकदम अनोखी जिसे जानकर आप भी करना चाहेंगे दीदार
अगर आप जैसलमेर में लोंगेवाला वॉर मेमोरियल जाने का प्लान बना रहे है तो हम आपको बता दे कि सर्दियों का मौसम (अक्टूबर से मार्च) लोंगेवाला वॉर मेमोरियल जैसलमेर जाने के लिए सबसे अच्छा समय होता है. जहा शुरुआती सुबह और शामें विशेष रूप से अच्छी होती हैं यहां गर्मियों के मौसम में आने से बचें, क्योंकि कठोर धूप और गर्मी आपको जैसलमेर जाने से हतोत्साहित कर सकती हैं.
अगर आप जैसलमेर में लोंगेवाला वार मेमोरियल घूमने के लिए जा रहे है तो हम आपको बता दे कि लोंगेवाला वार मेमोरियल के अलवा भी आप किले, महल, मंदिर व अन्य प्रसिद्ध पर्यटक स्थल घूमने जा सकते हैं. जिनके बारे हम यहां आपको बताने जा रहे है
अगर आप राजस्थान के जैसलमेर में लोंगेवाला वार मेमोरियल घूमने जाने का प्लान बना रहे है तो यहां आप हवाई, ट्रेन और सड़क मार्ग से यात्रा करके लोंगेवाला वार मेमोरियल पहुंच सकते हैं.
By Flight
अगर आप फ्लाइट से लोंगेवाला वार मेमोरियल की यात्रा करने का प्लान बना रहे तो बता दे कि जोधपुर हवाई अड्डा जैसलमेर का निकटतम घरेलू हवाई अड्डा है जो कि पूरे वर्ष कार्यात्मक है. दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता और उदयपुर जैसे प्रमुख शहरों से जोधपुर के लिए नियमित उड़ानें हैं. तो आपको पहले जोधपुर हवाई अड्डा पहुचना होगा. जो जैसलमेर शहर से लगभग 5 से 6 घंटे की ड्राइव पर है. और फिर जैसलमेर पहुचने के बाद आप टैक्सी या कैब से लोंगेवाला वार मेमोरियल पहुंच सकते हैं.
By Train
अगर आप ट्रेन से लोंगेवाला वार मेमोरियल जाना चाहते है तो इसका सबसे निकटम रेलवे स्टेशन जैसलमेर रेलवे स्टेशन है. जो प्रमुख शहरो से रेल मार्ग के माध्यम से जुड़ा हुआ है तो आप ट्रेन से यात्रा करके जैसलमेर रेलवे स्टेशन पहुच सकते है और वहा से आप टैक्सी या कैब से लोंगेवाला वार मेमोरियल पहुंच सकते हैं.
By Road
जैसलमेर राजस्थान के सभी प्रमुख शहरो से सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है. जैसलमेर रोडवेज के सुव्यवस्थित नेटवर्क द्वारा शेष भारत की सेवा करता है. राजस्थान रोडवेज के डीलक्स और साधारण बसें और साथ ही कई निजी बसें जैसलमेर को जोधपुर, जयपुर, बीकानेर, बाड़मेर, माउंट आबू, अहमदाबाद आदि से जोड़ती हैं. तो आप यहां बस टैक्सी या अपनी निजी कार से यात्रा करके लोंगेवाला वार मेमोरियल पहुंच सकते हैं.
Datia Travel Guide Maa Pitambara Peeth : मध्य प्रदेश के दतिया जिले में मां पीतांबरा… Read More
Haridwar Travel Guide : अगर आप हरिद्वार घूमने की योजना बना रहे हैं, तो हम… Read More
ठंड के मौसम में स्किन और बालों पर सबसे ज़्यादा असर पड़ता है। Dermatologists का… Read More
जब भी भारत में snowfall देखने की बात आती है, ज़्यादातर लोगों के दिमाग में… Read More
कांचीपुरम के प्रसिद्ध एकाम्बरणाथर मंदिर में आज 17 साल बाद महाकुंभाभिषेक की पवित्र परंपरा सम्पन्न… Read More
2025 भारतीय यात्रियों के लिए सिर्फ vacation planning का साल नहीं था, बल्कि यह meaningful… Read More