Hindu Kush Parvat
Hindu History in India : भारत में ऐसे कई सारे सवाल और मिथ हैं जिसका जवाब पाना थोड़ा मुश्किल है, उन्हीं सवालों में से एक सवाल ये भी है कि क्या हिंदूकुश पर्वत हिंदुओं के सिर को काट कर बनाया गया है? इस सवाल का जवाब जानने से पहले हमारा ये जानना जरूरी है कि हिंदूकुश पर्वत है क्या? ये कहां है? साथ ही ये भी जानेंगे कि हिंदूकुश पर्वत का हिंदुओं से क्या कनेक्शन है? हम आपको अपने शब्दों के जरिए हर एक पहलू को समझाने की कोशिश करेंगे…
श्लोक….
उत्तरं यत्समुद्रस्य हिमाद्रेश्चैव दक्षिणं
वर्षं तद भारतं नाम भारती यत्र संततिः
अर्थात….
पृथ्वी का वह भूभाग जो समुद्र के उत्तर में और हिमालय के दक्षिण में है। महान भारत कहलाता है और उसकी संतानों को भारतीय कहते हैं।
क्या और कहां है हिंदूकुश पर्वत
हिंदूकुश नाम का अरबी भाषा में मतलब भारत के पहाड़ का है। हिंदूकुश पर्वत श्रृंखला अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच में स्थित है। कराकोरम शृंखला पामिर पहाड़ का पश्चिम उत्तर विस्तार है, और यह हिमालय पर्वत की उप-शृंखला हैं। साथ ही इसे विश्व की जनसंख्या का भौगोलिक मध्य बिन्दु भी माना जाता हैं। इस पर्वत श्रृंखला में कई ऋषि-मुनियों के आश्रम बने हुए थे। बता दें कि पामीर का पठार, तिब्बत का पठार और भारत में मालवा का पठार धरती पर रहने लायक सबसे ऊंचे पठार माने जाते हैं।शुरुआत में मनुष्य ही इसी पठार पर रहा करते थे।
जानकारी- हिंदूकुश पर्वतमाला का सबसे ऊंचा पहाड़ खैबर-पख्तूनख्वा के चित्राल में है। हिंदूकुश का दूसरा सबसे ऊंचा पहाड़ नोशक पर्वत और तीसरा इस्तोर-ओ-नल है।
हिंदूकुश का रामायण से क्या कनेक्शन है?
दरअसल यहां भगवान श्री राम के बड़े बेटे ने तपस्या कर दीक्षा ग्रहण की थी। कुश का आसपास के कई श्रेत्रों पर अधिकार भी था जिसकी वजह से यहां रहने वाली कुछ जातियों का नाम कुश के ऊपर ही रखा गया है।
हिंदूकुश पर कब हुआ आक्रमण
यहां सबसे पहले यूनानियों ने हमला बोला और उसके बाद सिंकदर ने हमला कर इस इलाके को अपने कब्जे में ले लिया। जिसके बाद इसका नाम बदलकर यूनानी भाषा में कौकासोश इन्दिकौश यानी भारतीय पर्वत रख दिया गया।
इसके बाद इसका नाम ‘हिंदूकुश’, ‘हिन्दू कुह’ और ‘कुह-ए-हिन्दू’ पड़ा। ‘कुह’ या ‘कोह’ का मतलब फारसी में ‘पहाड़’ होता है।
ये तो हुई हिंदूकुश पर्वत से जुड़ी बातें, अब आते उस सवाल पर जिसको को लेकर सब ही के मन में कंफ्यूजन रहती है।
क्या हिंदु के कटे सिर से बना है हिंदूकुश पर्वत?
सन् 1333 ईस्वीं में इब्नबतूता के अनुसार हिंदूकुश का मतलब ‘मारने वाला’ था। इस का मतलब ये था कि भयंकर ठंड या फिर कुछ प्राकृतिक आपदा के वजह से यहां से गुजरने वाले लोग मर जाते थे। लेकिन इब्नबतूता की इस बात का कुछ लोगों ने अलग ही मतलब निकालना शुरू कर दिया। लोगों का कहना था कि उत्री भारतीय उपमहाद्वीप पर अरबों-तुर्कों के कब्जे के बाद हिंदूओं को गुलाम बनाकर इसी पर्वत से ले जाया जाता था और इस पर्वत से गुजरने के दौरान ज्यादा ठंड लगने से हिंदु यहां दम तोड़ देते थे। इन्हीं सब अलग-अलग तरहों के बातों के कारण ही इस पर्वत का नाम पहले हिंदूकुशी और फिर हिंदूकुश रख दिया गया।
कहते हैं कि मुगलकाल में अफगानिस्तान को हिन्दूविहीन बनाने के लिए जो कत्लेआम का दौर चला उस दौर में आक्रांताओं ने इस पर्वतमाला को हिन्दुओं की कत्लगाह बना दिया था। यहां भारत के अन्य हिस्सों से लाखों की तादाद में गुलामों को लाकर छोड़ दिया जाता था या उन्हें अरब की गुलाम मंडियों में बेच दिया जाता था।
एक और कहानी-
माना जाता है कि तैमूरलंग जब एक लाख गुलामों को भारत से समरकंद ले जा रहा था तो एक ही रात में अधिकतर लोग ‘हिन्दू-कोह’ पर्वत की बर्फीली चोटियों पर सर्दी से मर गए थे। इस घटना के बाद उस पर्वत का नाम ‘हिन्दूकुश’ (हिन्दुओं को मारने वाला) पड़ गया था।
क्यों कहते हैं इसे हिन्दू केश : इसे हिन्दू केश इसलिए कहते थे कि यहां भारत की सीमा का अंत होता है। केश का अर्थ होता है अंत। जैसे हमारे शरीर में केश (बाल) अंतिम सिरे के समान होते हैं। यहां तक भारत में रहने वाले हिन्दुओं का क्षेत्र था अर्थात हिन्दुओं के क्षेत्र की सीमा का अग्रभाग।
Ragi Cheela : नाश्ते में चीला लोगों की पहली पसंद होता है. ज़्यादातर घरों में… Read More
साल 2025 में चार दिन चलने वाले छठ पर्व का पहला दिन, जिसे नहाय खाय… Read More
सबरीमाला मंदिर भारत के केरल राज्य के पठानमथिट्टा जिले में स्थित एक अत्यंत पवित्र हिन्दू… Read More
Travelling on a budget often feels like a puzzle. You want to cover as much… Read More
नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि या शरद नवरात्रि के नाम से भी जाना जाता है। यह… Read More