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Chhapiya Village in Harraiya Basti: Uttar Pradesh में वो जगह जहां जन्म हुआ स्वामी नारायण संप्रदाय का

Chhapiya Village in Harraiya Basti : कहावत है कि यूपी में भगवानों ने जन्म लिया है. आज इस आर्टिकल में भी हम आपको एक ऐसी शख्सियत के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी जन्मस्थली यूपी में भी है. यह जगह है बस्ती का छपिया (Chhapiya Village Harraiya Basti)… ये जगह गोंडा से 50 किलोमीटर दूर है और अयोध्या से 40 किलोमीटर. यहीं पर 3 अप्रैल 1781 को जन्म हुआ था स्वामीनारायण का… तब उन्हें घनश्याम नाम दिया गया था. ये गांव स्वामीनारायण के अनुयायियों के लिए एक तीर्थक्षेत्र बन चुका है.

छपिया स्वामी नारायण की जन्मस्थली होने के कारण न केवल स्वामी नारायण संप्रदाय बल्कि अन्य धर्मों के फॉलोअर्स और समाज सुधारकों के लिए भी प्राचीन तीर्थ स्थान है. छपिया का स्वामीनारायण के जन्म स्थान होने का अत्यधिक महत्व है. यहां का छपिया महोत्सव न केवल गुजराती समुदाय बल्कि मुस्लिम, हिंदू और पारसी भक्तों को आकर्षित करता है. छपिया में स्वामी नारायण मंदिर आकर्षण का मुख्य केंद्र है. मंदिर स्वामी नारायण संप्रदाय के फॉलोअर्स के भगवान स्वामी नारायण को समर्पित है. स्वामी नारायण मंदिर वास्तुकला में शानदार है.

छपैया में स्वामीनारायण मंदिर के खुलने का समय || Timings of Swaminarayan Temple in Chhapiya

स्वामीनारायण मंदिर की अंतिम आरती और प्रसाद वितरण के बाद स्वामीनारायण मंदिर सुबह जल्दी खुल जाता है और देर रात को बंद हो जाता है.

कौन थे स्वामीनारायण || who was swaminarayan

स्वामीनारायण का जन्म 1781 में उत्तर प्रदेश के छपिया (Chhapiya Village Harraiya Basti) में घनश्याम पांडे के रूप में हुआ था. 1792 में, उन्होंने नीलकंठ वर्णी नाम को अपनाते हुए 11 वर्ष की आयु में भारत भर में सात साल की तीर्थ यात्रा शुरू की. इस यात्रा के दौरान उन्होंने कल्याणकारी कार्य किए. इस यात्रा के 9 वर्ष और 11 महीने के बाद, वह 1799 के आसपास गुजरात राज्य में बस गए.

1800 में उन्हें अपने गुरु स्वामी रामानंद द्वारा उद्धव संप्रदाय में शामिल किया गया और उन्हें सहजानंद स्वामी का नाम दिया गया.1802 में अपने गुरु के द्वारा, उनकी मृत्यु से पहले उन्हें उद्धव संप्रदाय का नेतृत्व सौंप दिया गया. सहजानंद स्वामी ने एक सभा आयोजित की और स्वामीनारायण मंत्र को पढ़ाया. इसके बाद वह वह स्वामीनारायण के रूप में जाने जाते हैं. उद्धव संप्रदाय को स्वामीनारायण संप्रदाय के रूप में जाना जाता है.

स्वामीनारायण सम्प्रदाय क्या है || what is swaminarayan sect

स्वामीनारायण सम्प्रदाय का इतिहास बहुत पुराना है. इस सम्प्रदाय को पहले उद्धव संप्रदाय के नाम से जाना जाता था. स्वामीनारायण या नीलकंठ वर्णी को स्वामीनारायण संप्रदाय का जनक या फाउंडर माना जाता हैं. स्वामीनारायण संप्रदाय के प्रवर्तक नीलकंठ वर्णी या सहजानंद जी का जन्म उत्तर प्रदेश में छपिया नाम के गांव (Chhapiya Village Harraiya Basti) में हुआ था.

अब इस गांव को स्वामीनारायण छपिया (Chhapiya Village Harraiya Basti) के नाम से जाना जाता हैं. नीलकंठ वर्णी द्वारा स्थापित स्वामीनारायण सम्प्रदाय से अब तक लाखों की तादाद में लोग जुड़ चुके हैं. सहजानंद जी या नीलकंठ वर्णी द्वारा 6 मंदिरों का निर्माण करवाया था. मुख्य मंदिर आज भी नीलकंठ वर्णी के जन्म स्थल गोंडा छपिया में स्थित हैं.

छपिया की लोकेशन क्या है || Location of Chhapaiya

अयोध्या से 60 किमी
लखनऊ से 190 किमी
गोरखपुर से 150 किमी
वाराणसी से 270 किमी

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छपिया में स्वामी नारायण मंदिर के पास घूमने की जगहें || places to visit near swami narayan temple in chhapaiya

नारायण सरोवर झील || Narayan Sarovar Lake

नारायण सरोवर झील वह झील है जहाँ स्वामी नारायण स्नान किया करते थे. स्वामी नारायण सम्प्रदाय के लोग पवित्र जल-स्रोत में स्नान करके पापों से मुक्ति पाने के लिए यहां आते हैं.

घनश्याम भवन || Ghanshyam Bhawan

घनश्याम भवन स्वामी नारायण भगवान का जन्म स्थान है. यहीं पर उनका जन्म रामनवमी के दिन धर्मदेव हरिप्रसाद और धर्ममाता प्रेमवती के यहां हुआ था. स्वामी नारायण के जन्मदिन को स्वामी नारायण संप्रदाय के कैलेंडर की शुरुआत माना जाता है.

मीन सरोवर झील || Meen Sarovar Lake

मीन सरोवर वह स्थान है जहां स्वामी नारायण ने मछुआरों को आजीविका के लिए मछली न मारने की शिक्षा दी थी. उन्होंने अपने चमत्कारों से मरी हुई मछलियों को वापस जीवित कर दिया, इसलिए तालाब को मीन सरोवर के नाम से जाना जाता है. स्वामी नारायण ने भक्ति के माध्यम से समाज को मोक्ष और परम ज्ञान की प्राप्ति की शिक्षा दी. उन्होंने समाज में दलितों के उत्थान के लिए काम किया.

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खंपा तलवाड़ी || Khampa Talwari

खंपा तलवाड़ी वह स्थान है जहां घनश्याम (स्वामीनारायण) स्नान करते थे और पास की कुटिया में एक संत से रामायण की कहानियां सुनते थे. एक बार खेलते-खेलते वह जगह-जगह जख्मी हो गए, जिससे उसके शरीर पर चोट के निशान रह गए.

छपिया में करने के लिए चीजें || things to do in chhapaiya

स्वामीनारायण मंदिर में स्वामी नारायण को नमन
नारायण सरोवर झील में पवित्र स्नान करें
छपिया महोत्सव में भाग लें
स्वामीनारायण द्वारा दिखाए गए मार्ग पर धार्मिक और धर्मार्थ गतिविधियों में भाग लें
छपैया के अन्य दर्शनीय स्थलों जैसे त्रिकोन्यु खेतर और इससे जुड़े स्थानों का अन्वेषण करें

छपिया कैसे पहुंचे || How To Reach Chhapaiya

इसके आसपास के विभिन्न शहरों से आप छपिया पहुंच सकते हैं. फैजाबाद, गोरखपुर, वाराणसी नजदीकी हवाई अड्डे हैं जबकि लखनऊ घरेलू उड़ानों के लिए मुख्य हवाई अड्डा है.

आप लखनऊ और गोरखपुर से ट्रेन द्वारा भी छपिया पहुुंच सकते हैं.

राज्य परिवहन की बसें भारत के विभिन्न राज्यों विशेषकर गुजरात परिवहन और उत्तर प्रदेश परिवहन की बसें संचालित होती हैं.

Komal Mishra

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