best Tourist Places in Kausani, Bageshwar, Pinnath, Rudradhari Falls, kausani tea estate, Someshwar, Anashakti Temple, Rudrahari Mahadev Temple, Pinnath, Planets Show, Sumitranandan Pant Gallery
Kausani Tourism : समुद्र तल से 6075 फीट की ऊंचाई पर बसा कौसानी (Kausani) एक खूबसूरत पर्वतीय पर्यटक स्थल है। विशाल हिमालय के अलावा यहां से नंदाकोट, त्रिशूल और नंदा देवी पर्वत का भव्य नजारा देखने को मिलता है। ये पर्वतीय शहर चीड़ के घने पेड़ों के बीच एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है और यहां से सोमेश्वर, गरुड़ और बैजनाथ कत्यूरी की सुंदर घाटियों का अद्भुत नजारा देखने को मिलता है। काफी समय पहले कासौनी (Kausani) अल्मोड़ा जिले का हिस्सा था और वलना के नाम से जाना जाता था। उस समय अल्मोड़ा जिला कत्यूरी के राजा बैचलदेव के क्षेत्रधिकार में आता था। बाद में राजा ने इसका काफी बड़ा हिस्सा एक गुजराती ब्राह्मण श्री चंद तिवारी को दे दिया था। महात्मा गांधी ने यहां की भव्यता से प्रभावित हो कर इस जगह को ‘भारत का स्वीट्जरलैंड’ कहा था। वर्तमान में कौसानी एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है और हर साल यहां पूरे विश्व से सैलानी आते हैं।
देश के अलग-अलग हिस्सों से हवाई, रेल और सड़क मार्ग से कौसानी आसानी से पहुंचा जा सकता है। यहां का सबसे नजदीकी एयरपोर्ट पंतनगर है। ये भारत के अन्य शहरों से अच्छे से जुड़ा हुआ है। कौसानी का सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम है। काठगोदाम लखनऊ, दिल्ली और हावड़ा जैसे शहरों से सीधे जुड़ा हुआ है। कौसानी बस स्टेशन भी कई शहरों से सीधे जुड़ा हुआ है।
ज्यादातर पर्यटक अप्रैल से जून के बीच में कौसानी घूमने आते हैं, क्योंकि इस समय यहां का मौसम काफी खुशगवार रहता है।
सरयू और गोमती नदी के संगम पर बसा बागेश्वर एक धार्मिक शहर है। ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव एक बार इस क्षेत्र में बाघ का भेष धरने आए थे। हिन्दू पौराणिक कथाओं में भी इस शहर का वर्णन मिलता है। कौसानी से 28 किलोमीटर दूर स्थित ये शहर हर साल बड़ी संख्या में सैलानियों को आकर्षित करता है। ये शहर दो ओर से भीलेश्वर और नीलेश्वर पहाड़ से घिरा हुआ है। उत्तरायनी मेले का आयोजन यहां पर हर साल किया जाता है।
रुद्रधारी फॉल्स और गुफाएं कौसानी से 12 किलोमीटर दूर कौसानी-अल्मोड़ा मार्ग पर स्थित है। ऐसी मान्यता है कि ये जगह भागवान शिव (रुद्र) और भगवान विष्णु (हरि) से संबद्धित है। सोमेश्वर का शिव मंदिर इस जलप्रपात के करीब ही है।
पिन्नाथ गोपालकोट की तराई में बसा हुआ एक गांव है, जो कि पिन्नाथ मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। ये मंदिर हिंदू देवता भैरों को समर्पित है। इस मंदिर में पांच प्रवेश द्वार है, जो कि दक्षिण की दिशा में है। मंदिर के दीवार हिंदू देवी-देवताओं की चित्रों से सजे हुए हैं। ये जगह हर साल अक्तूबर में एक मेले के आयोजन के लिए भी जाना जाता है। समुद्र तल से 2750 मीटर की ऊंचाई पर बसे इस गांव तक पहुंचने के लिए कौसानी से पांच किमी की पैदल यात्रा करनी पड़ती है।
कासौनी से 8 किलोमीटर की दूरी पर कोसी नदी के किनारे पर स्थित है रुद्रहरि महादेव मंदिर। ये एक प्राचीन गुफा मंदिर है, जहां पर ऋषि कौशिक संन्यासी ने काफी लंबे समय तक तपस्या की थी।
इस आश्रम को गांधी आश्रम के नाम से भी जाना जाता है, जिसका निर्माण महात्मा गांधी के सम्मान में किया गया था। राष्ट्र पिता महात्मा गांधी ने साल 1929 में इस आश्रम का भ्रमण किया था। इस स्थान के बारे में महात्मा गांधी ने लिखा था कि अनाशक्ति का अर्थ होता है- ऐसा योगा जिससे आप संसार से अगल होकर पूर्ण रूप से ध्यानमग्न होते हैं। उनकी जिंदगी से जुड़ी कई किताबें और फोटोग्राफ इस आश्रम में उपलब्ध हैं। ये जगह अब अध्ययन और शोध केन्द्र में बदल गया है, जहां पर रहने और खाने की भी व्यवस्था है। यहां पर एक प्रार्थना कक्ष है, जहां हर सुबह और शाम प्रार्थना की जाती है।
कौसानी से 11 किलोमीटर दूर बसा सोमेश्वर एक प्रसिद्ध शहर है। ये शहर भगवान शिव के मंदिर के लिए जाना जाता है। इस मंदिर का निर्माण चंद सम्राज्य के संस्थापक राजा सोमचंद ने करवाया था। इस जगह का नामकरण राजा सोम और भगवान महेश्वर के नामों को मिला कर किया गया था।
कौसानी चाय बगान कौसानी से 5 किलोमीटर की दूरी पर बागेश्वर रोड पर स्थित है। ये बगान 21 हिस्सों में बंटा हुआ है और 208 हेक्टियर में फैला हुआ है। उत्तरांचल की मशहूर ‘गिरियास टी’ का उत्पादन यहीं पर होता है। इसके अलावा जैविक चाय का भी उत्पादन किया जाता है और इस खुशबूदार चाय को संयुक्त राष्ट्र, जर्मनी, कोरिया और ऑस्ट्रेलिया में निर्यात किया जाता है।
यहां पर ताराघर और इंटरनेट कैफे है, जो कि पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है। अंतरिक्ष प्रेमी इस जगह को काफी पसंद करते हैं और यहां पर कृत्रिम तारों को देखने का आनंद लेते हैं। हर शाम यहां पर एक शो का आयोजन भी किया जाता है, जिसमें पृथ्वी और अन्य ग्रहों के बारे में जानकारी देते हैं।
सुमित्रानंदन पंत गैलरी की तरफ भी सैलानियों का काफी रुझान रहता है। ये गैलरी कौसानी में पैदा हुए मशहूर हिन्दी कवि सुमित्रानंदन पंत को समर्पित है। संग्रहालय में उनकी कविताओं की पांडुलिपि, साहित्यिक कृतियां और उन्हें दिए गए पुरस्कार रखे गए हैं। इतना ही नहीं यहां उनपर लिखे गए आलेखों का भी संग्रह है। यहां पर हिन्दी और अंग्रजी में उनके द्वारा लिखे गए किताबों का विशाल संकलन है, जिसे कांच की अलमारी में रखा गया है। उनके जन्मदिवस पर हर साल यहां एक सम्मेलन का आयोजन भी किया जाता है।
Iran Travel Blog : ईरान, जिसे पहले फारस (Persia) के नाम से जाना जाता था,… Read More
Pahalgam Travel Guide : भारत के जम्मू-कश्मीर में स्थित पहलगाम (Pahalgam) उन चंद जगहों में… Read More
Haifa Travel blog: इजरायल और ईरान युद्ध में जिस एक शहर की चर्चा सबसे ज्यादा… Read More
Jagannath Puri Temple, ओडिशा का एक ऐसा धार्मिक स्थल है जो न केवल आस्था बल्कि… Read More
उत्तराखंड के प्रसिद्ध तीर्थस्थल केदारनाथ तक पहुँचने के लिए हर साल हजारों श्रद्धालु Helicopter Services… Read More
Air travel को भले ही आज सबसे सुरक्षित transport modes में गिना जाता है, लेकिन… Read More