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Hill Station Hatu Peak : हाटू पीक जिसे कहा जाता है हिल स्टेशन का नगीना

Hill Station Hatu Peak : शिमला क्षेत्र में कई जगह हैं जहां प्रकृति है पर्यटन का सही अर्थ जानने वालों के लिए बहुत कुछ बिखरा हुआ है. शिमला से 60 किमी दूर एनएच 5 पर स्थित विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल नारकंडा के पास हाटू पीक एक ऐसी जगह है जहां शांति ही शांति मिलेगी.

हाटू पीक शिमला क्षेत्र की सबसे ऊंची चोटी है और समुद्र तल से इसकी 3400 मीटर (12000 फीट) ऊपर है जहां हटू माता मंदिर स्थित है. स्थानीय मान्यताओ के अनुसार प्रसिद्ध हटू माता मंदिर ‘रावन’ की पत्नी ‘मंदोदरी’ का मंदिर है.

यहां आने वाले पर्यटक इस जगह को देखकर बहुत खुश हो जाते हैं. हाटू में काली माता का एक बहुत प्राचीन मंदिर है. यह मंदिर बहुत सुंदर है और लकड़ी की नक्काशी इसमें देखने लायक है. इस मंदिर की स्थापना पांडवों के समय से हुई है. इसलिए, जब भी आपको शिमला जाने का मौका मिले, तो एक बार हाटू पीक जरूर जाएं.

हाटू पीक || Hatu Peak

हाटू पीक नारकंडा की सबसे फेमस जगहों में से एक है, जिसे इस हिल स्टेशन का नगीना कहा जाता है. इस चोटी पर हाटू माता का मंदिर है, मंदिर को लेकर ऐसी मान्यता है कि इसे लंकानरेश रावण की पत्नी मंदोदरी ने बनवाया था.  यहां से लंका बहुत दूर थी लेकिन मंदोदरी हाटू माता की बहुत बड़ी भक्त थी और वे यहां हर रोज पूजा करने आया करती थीं.

हाटू पीक नारकंडा से 6 कि.मी. की दूरी पर है. हाटू पीक का इलाका चारों तरफ देवदार के वृक्षों से घिरा हुआ है, जो देखने में बेहद शानदार लगता है.  यहां आपको सेब के पेड़ भी देखने को मिल जाएंगे जो पर्यटकों को काफी  अट्रैक्ट करते हैं.

स्कीइंग का रोमांच || Skiing

नारकंडा, भारत का सबसे पुराना स्कीइंग डेस्टिनेशन है. नारकंडा शुरू से ही पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र रहा है. सर्दी के मौसम में यहां स्कीइंग करना बेहद रोमांचकारी होता है. जब अक्टूबर से मार्च तक पूरा नारकंडा बर्फ से ढका होता है तब यहां स्कीइंग का रोमांच और भी बढ़ जाता है. स्कीइंग करते हुए घने वन और सेब के बागानों की खूश्बू पर्यटकों में एक नई ताजगी भर देती है.

हाटू पीक के आस-पास घूमने की जगह || Places to visit near Hatu Peak

हाटू माता मंदिर, नारकंडा || Hatu Mata Temple, Narkanda

भारत में बसी अधिकतर चोटियों और उच्चतम स्थल बिंदुओं की तरह ही हाटू चोटी के भी ठीक ऊपर हाटू माता का मंदिर स्थित है. यह मंदिर ठेठ हिमाचली शैली में बनाया गया है. उपाख्यानों के अनुसार जिस जगह पर यह मंदिर बनाया गया है, वहां पर स्वर्ग की ओर पांडवों की अंतिम यात्रा के दौरान द्रौपदी की मृत्यु हुई थी.

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इस मंदिर के चारों ओर लकड़ी के पटल हैं, जिन पर रामायण और महाभारत जैसे महाकाव्यों की कथाएं दर्शायी गयी हैं; जैसे कि रामायण का भरत मिलाप का दृश्य.  अन्य तख्तों पर हिन्दू धर्म से जुड़े कुछ शुभ और मंगल चिह्न उत्कीर्णित किए गए हैं, जैसे कि स्वातिक का चिह्न.

तानी झुब्बर झील || Tani Jhubbar Lake

तानी झुब्बर- इस लयात्मक नाम को सुनते ही मैं वह जगह देखने के लिए उत्साहित थी. मेरे साथियों के कहने के बावजूद भी कि यह हिमाचल प्रदेश की सबसे उत्तम झील नहीं है, मैं यह जगह देखना चाहती थी. इसलिए हाटू चोटी से वापसी के दौरान हम तानी झुब्बर झील के दर्शन करने गए.

सेंट मेरी चर्च, कोटगढ़ || St. Mary’s Church, Kotgarh

कोटगढ़ में स्थित सेंट मेरी चर्च उत्तर भारत में बसे सबसे पुराने चर्च में से एक है. यह चर्च 1872 में लंदन के चर्च मिशनरी समाज द्वारा निर्मित किया गया था. अगर पुराने हिदुस्तान-तिब्बत मार्ग से जाए तो नारकंडा या ठानेधार से कोटगढ़ ज्यादा दूर नहीं है. इस चर्च की फीके से पीले रंग की सीधी-सादी बाहरी सजावट इसे और भी आकर्षक बनाती है. उसकी स्थापत्य कला में आप वहशी वास्तुकला की छवि देख सकते हैं. इस चर्च  के ऊपर एक सुंदर सा घंटा घर भी है.

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भीम का चूल्हा || Bhima’s stove

भीम का चूल्हा हाटू मंदिर से थोड़ा आगे बढ़ने पर आपको तीन बड़े चट्टान दिखाई देंगे, जिनके बारे में कहा जाता है ये भीम का चूल्हा है. पांडवों को जब अज्ञातवास मिला था तो वे चलते-चलते इस जगह पर रूके थे और यहां खाना बनाया था. ये चट्टानें उनका चूल्हा था और इस पर भीम खाना बनाते थे. ये सोचने वाली बात है कि इन पत्थरों पर कितने बड़े बर्तन रखे जाते होंगे. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है पांडव काफी बलशाली थे.

लोकल फल और फूल || local fruits and flowers

नारकंडा, ठानेधार और कोटगढ़ के आस-पास बसा शिमला जिले का यह क्षेत्र पेड़-पौधों से भरा हुआ है. अगर आप जुलाई महीने के दौरान यहां पर गए, जब यहां के पेड़ पके हुए सेबों से लदे हुए होते हैं, तो आपके भीतर अपने-आप ही उन्हें तोड़कर खाने की लालसा जाग उठेगी. और भी कई प्रकार के फल नज़र आएंगे, जैसे कि खुबानी, आड़ू, बादाम और जामुन. आपको यहां पर कुछ सूखे फल भी मिलेंगे.

घूमने का सबसे अच्छा समय ||Best time to visit

वैसे तो पहाड़ों की सैर कभी भी किसी भी मौसम में की जा सकती है लेकिन यहां ज्यादातर लोग सर्दियों में आना पसंद करते हैं. सर्दियों में बर्फ के ढके होने के कारण यह जगह स्कीइंग डेस्टिनेशन से मशहूर है.

गर्मियों में भी यहां का मौसम काफी अनुकूल होता है क्योंकि तब सर्दियों के मुकाबले कम भीड़ होती है. ठंड के मौसम में आप नवंबर से लेकर फरवरी तक और गर्मियों के दिनों में आप अप्रैल और मई के महीने में यहां का ट्रिप लगा सकते हैं.

कैसे पहुंचे हाटू पीक || How To Reach Hatu Peak

फ्लाइट से कैस पहुंचे ||How To Reach By Flight

शिमला के पास एक छोटी सी हवाई पट्टी है जो पास की पहाड़ी की चोटी पर स्थित है जुब्बरहट्टी में, शहर से लगभग 23 किमी दूर है. यह हवाई पट्टी जेट का समर्थन करने के लिए बहुत छोटी है, इसलिए उपलब्ध एकमात्र सेवा जैगसन एयरलाइंस है जो सोमवार बुधवार और शुक्रवार को दिल्ली से शिमला के लिए एकल उड़ान सेवा प्रदान करती है.

इस समय अन्य क्षेत्रीय एयरलाइनों द्वारा कोई हवाई सेवा नहीं है. अगला नजदीक हवाई अड्डा चंडीगढ़ है. चंडीगढ़ शिमला से टैक्सी से लगभग 4 घंटे की दूरी पर है.

ट्रेन से कैसे पहुंचे ||How To Reach By Fligh

कालका से शिमला तक एक नैरो गेज “टॉय” ट्रेन सेवा चलती है. ट्रेन को पहाड़ी स्टेशन तक जाने में लगभग 4 घंटे का समय लगता है, और रास्ते में एक शानदार व्यू दिखाई देता है.

सड़क के रास्ते कैसे पहुंचे || How To Reach By Flight

शिमला के लिए आप कश्मीरी गेट बस स्टैंड से रात भर की बस ले सकते हैं जो आपको सुबह-सुबह शिमला छोड़ देगी, वहां से आप कैब बुक कर सकते हैं या नारकंडा के लिए लोकल बस ले सकते हैं.

 

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