Pakur tour : Pakur is the perfect place to visit
Pakur tour : पाकुड़ (पहले पकोर के रूप में जाना जाता है) पाकुड़ जिला, झारखंड राज्य, भारत का जिला मुख्यालय है. यह झारखंड राज्य के उत्तर पूर्व कोने में स्थित है. पाकुड़ उत्तर में साहिबगंज जिले, दक्षिण में दुमका जिले, पश्चिम में गोड्डा जिले और पूर्व में मुर्शिदाबाद और बीरभूम जिलों (पश्चिम बंगाल के) से घिरा है. पाकुड़ जिले का क्षेत्रफल लगभग 696 वर्ग किलोमीटर और जनसंख्या 899,200 (2011 की जनगणना) है.
पाकुड़ पहले बिहार के संथाल परगना जिले का एक उप-विभाग था. इसे 28 जनवरी 1994 में जिले की स्थिति में अपग्रेड किया गया था. बिहार राज्य के पुनर्गठन के बाद, 2000 में, दो अलग-अलग राज्यों, अर्थात् बिहार और झारखंड में, पाकुड़ जिला झारखंड राज्य के प्रशासनिक नियंत्रण में आ गया.
पाकुड़ जिला घने जंगलों, बागों, तालाबों से भड़ा हुआ है. ये राजमहल की पहाड़ियों के बीच बसा है. झारखंड के इस क्षेत्र के सौंदर्य से पर्यटक अब तक अछूते हैं.पाकुड़ में पर्यटकों के लिए काफी कुछ है. पाकुड़ में अद्भुत प्रकृति और धार्मिक और ऐतिहासिक भवन देख सकते हैं.
पहले पाकुड़ साबिहगंज जिले का उप-विभाग हुआ करता था. ये शहर अपनी शानदार जैव-विविधता और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए मशहूर है. एक समय पर ये जगह घने और विशाल जंगलों के लिए प्रसिद्ध थी.पाकुड़में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए कई धार्मिक और रोमांचित जगहें हैं. आइए जानते हैं इनके बारे मेझारखंड कापाकुड़जिला घने जंगलों, बागों, तालाबों से सजा है. ये राजमहल की पहाडियों के बीच बसा है. झारखंड के इस क्षेत्र के सौंदर्य से पर्यटक अब तक अछूते हैं. पाकुड़ में पर्यटकों के लिए काफी कुछ है.
पाकुड़ में अद्भुत प्रकृति और धार्मिक और ऐतिहासिक भवन देख सकते हैं. पहलेपाकुड़साबिहगंज जिले का उप-विभाग हुआ करता था. ये शहर अपनी शानदार जैव-विविधता और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए मशहूर है. एक समय पर ये जगह घने और विशाल जंगलों के लिए प्रसिद्ध थी.पाकुड़में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए कई धामिक और रोमांचित जगहें हैं. आइए इस लेख के जरिएपाकुड़में क्या क्या है घूमने के लिए.
सिद्धू कान्हा पार्क को इस कस्बे का सबसे अधिक मनोरंजक पार्क कहा जाता है. खूबसूरत पौधे और रास्ते, यहां आने वाले लोगों का मन मोह लेते हैं. इस पार्क का सबसे प्रमुख आकर्षण मसरटेल्लो टॉवर है जिसे ब्रिटिश काल के दौरान बनाया गया था. इसे ब्रिटिश शासक पालुर ने अपने साम्राज्य को संथल योद्धाओं से बचाने के लिए बनवाया था. संथल योद्धाओं ने अंग्रेजों को भारत से बाहर निकालने के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया था. पार्क में कई खेल भी खेल सकते हैं और यहां पर आप अपने परिवार और दोस्तों के साथ कुछ समय भी बिता सकते हैं.
पाकुड़के हॉट स्प्रिंग को पवित्र स्थान माना जाता है और ये सापा होर जनजाति के क्षेत्र का बहुत ही पवित्र स्थान है. यहां पर प्राकृतिक फव्वारा है जोकि पर्यटकों को आकर्षित करता है. इस झरने के पानी में औषधीय गुण पाए जाते हैं जिनसे कई रोगों का इलाज किया जा सकता है. इस झरने के पानी में डुबकी लगाने से सभी रोग नष्ट हो जाते हैं. मकर संक्रांति के अवसर पर देशभर से श्रद्धालु इस झरने में स्नान करने आते हैं.
पाकुर को नित्याकली मंदिर के लिए भी जाना जामा है. ये मंदिर उत्कृष्ट वास्तुशिल्प का अद्भुत उदाहरण है. इस मंदिर में हिंदू देवी मां काली की पूजा होती है और उन्हीं की मूर्ति इस मंदिर में स्थापित है. इस पूरे कस्बे के लोग मां काली की पूजा करते हैं. इस कस्बे के केंद्र में बसेपाकुड़राजबाड़ी में नित्याकली मंदिर स्थित है. ये पवित्र स्थान हज़ारों श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करता है. स्थानीय और दुनियाभर के श्रद्धालुओं के बीच ये धार्मिक स्थल अत्यंत महत्व रखता है.
पाकुड़ आने का सही समय पाकुर सर्दी के मौसम में आना सबसे ज्यादा बेहतर रहता है. अक्टूबर और दिसंबर के महीने में पाकुर का मौसम बहुत सुहावना रहता है. इस दौरान यहां का तापमान 20 से 25 डिग्री सेल्सियस रहता है.
By Air : पाकुर में कोई हवाई अड्डा नहीं है. कोलकाता के नेताजी सुभाष एयरपोर्ट से पाकुड़ 233 किमी दूर है.
By Road : पाकुर में रेलवे स्टेशन स्थित है इसलिए रेल मार्ग से यहां आना सबसे ज्यादा बेहतर रहता है. पाकुड़ रेलवे स्टेशन पर देश के कई प्रमुख शहरों से ट्रेनें आती हैं.
By Train : इसका नज़दीकी बस स्टेशन मालडा है जोकि पाकुर से 52 किमी दूर है. आप अपनी गाड़ी से भी आ सकते हैं.
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