Travel History

Gurugram Travel Blog : चमचमाते Gurugram शहर का नाता है महाभारत काल से, जानें इसके बारे में कुछ Interesting Facts

Gurugram Travel Blog : हर जहग का अपना एक इतिहास होता है चाहे उस शहर के नाम को लेकर ही यही नाम क्या पड़ा कुछ और भी तो पड़ सकता था या उस जगह पर ऐसे कई स्थान होंगे जिनकी अपने आप में ही एक अलग कहानी होगी, तो आज हम आपको इस कड़ी में बताएंगे Gurugram शहर के बारे में कुछ Interesting Facts और उस शहर का इतिहास।

Gurugram हरियाणा राज्य का छठा सबसे बड़ा शहर है। यह हरियाणा के चार डिवीजन में से भी एक है। गुरुग्राम हरियाणा का व्यावसायिक और वित्तीय केंद्र है। गुरुग्राम भारत की राजधानी दिल्ली से 30 किलोमीटर, द्वारका से 10 किलोमीटर, किलोमीटर दूर है। गुरुग्राम दिल्ली के चार प्रमुख उपग्रह शहरो में से एक है और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का एक हिस्सा है। गुरुग्राम दिल्ली से राष्ट्रीय राजमार्ग और दिल्ली मेट्रो के माध्यम से सीमा सांझा करता है।

गुरुग्राम का भारत में प्रति व्यक्ति आय में चंडीगढ़ और मुंबई के बाद तीसरा स्थान है। गुरुग्राम भारत का एकमात्र पहला ऐसा शहर है जिसमें हरेक घर में की सुविधा उपलब्ध होती है। पिछले 25 सालो में गुरुग्राम ने बहुत तेजी से प्रगति की है और अपने आप को दुनिया के नक़्शे पर स्थापित किआ है।

गुरुग्राम नाम की ऐसे हुई उत्पति || This is how the name Gurugram originated

गुरुग्राम का नाम हिन्दू ग्रंथो में भी मिलता है। गुरुग्राम गांव, जो की शहर के एकदम बीच में है और गुरु द्रोणाचार्य  गांव है। यही पर गुरु द्रोणाचार्य ने पांडवो और कोरवो को शिक्षा दी थी। पांडव और कोरव, हिन्दू ग्रन्थ महाभारत के पात्र हैं। गुरु द्रोणाचार्य को गुरुग्राम पांड्वो और कोरवो ने उपहार स्वरुप दिया था, जोकि ऋषि भरद्वाज के पुत्र थे। महाभारत में दिखाया गया कुआ, जिसमें पांडवो और कोरवो की गेंद चली गई थी, अभी भी गुरु द्रोणाचार्य कॉलेज के अन्दर मोजूद है। इतिहास में गुरुग्राम पर हमेशा से दिल्ली पर राज करने वाले राजाओं का ही अधिकार रहा है। जैसे की राजपूत, यदुवंशी, मुग़ल, मराठा आदि। भारत की राजधानी दिल्ली पास होने के कारण गुरुग्राम बड़े पैमाने पर तरक्की की है।

प्राचीन हिंदू पौराणिक कथाओं में गुरुग्राम का उल्लेख एक महत्वपूर्ण नगर के रूप में मिलता है। यह दिल्ली के चार प्रमुख उपनगरों में से एक है। इसलिए इसे भारत के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का एक हिस्सा माना जाता है। गुरुग्राम को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का एक सबसे अभिजात्य क्षेत्र भी एक माना जाता है। पिछले कुछ सालों में शहर का अत्यधिक विकास हुआ है और देश के भीतर एक आउटसोर्सिंग गंतव्य के रूप में विकसित होने के अतिरिक्ति इस क्षेत्र ने एक अचल संपत्ति में आया एक अभूतपूर्व उछाल देखा है।

गुरुग्राम की स्थापना हरियाणा के गठन के समय ही जिले के रूप में 01 नवम्बर 1966 को की गई थी। महाभारत काल में राजा युधिष्ठिर ने गुरुग्राम को अपने धर्मगुरु द्रोणाचार्य को उपहार स्वरुप दिया था और आज भी उनके नाम पर एक तालाब के भग्नावशेष तथा एक मंदिर प्रतीक के तौर पर विद्यमान हैं। इस कारण इसका नाम गुरुग्राम पड़ा था। बाद में समय के साथ इसका नाम गुड़गांव हो गया। वर्तमान में साल 2016 मैं तत्कालीन मनोहर लाल खट्टर सरकार ने फिर से इस जिले का नाम गुरुग्राम कर दिया है।

पर्यटन के स्थल || Tourist place

हरियाणा राज्य में स्थित गुरुग्राम बहुत ही खूबसूरत स्‍थान है। गुरुग्राम पर्यटन का आकर्षक स्थल है। गुरुग्राम में शीतला माता का मन्दिर बहुत प्रसिद्ध है। देश-विदेश से पर्यटक शीतला माता की पूजा करने के लिए यहां आते हैं। शीतला माता के मन्दिर के अलावा भी पर्यटक यहां पर कई पर्यटक स्थलों की सैर कर सकते हैं। यहां बहुत बड़े-बड़े शॅापिग माल हैं। इसके अलावा यहां किंगडम आॅफ ड्रीम्स नामक ओपेरा थियेटर है। यह अपने आप में एक अनूठा सांस्कृतिक केन्द्र है। यह सैक्टर-29 में यह स्थित है। इस मनोरंजन केन्द्र का उद्घाटन हरियाणा के मुख्यमंत्री भुपेन्द्र सिंह हुड्डा ने 29 जनवरी 2010 को किया।

गुडगांव जिला में ही राजधानी दिल्ली से लगभग 46 किलोमीटर दूर गुडगांव फरुखनगर मार्ग पर हरियाणा का सुरम्य सुलतानपुर राष्ट्रीय पक्षी विहार स्थल है। इस पक्षी विहार की खोज का श्रेय पीटर जैक्सन नामक एक पक्षी प्रेमी को जाता है। यहां एक प्राचीन झील भी है। लगभग 265 एकड़ भूमि में फैली इस विशाल प्राकृतिक झील में हर साल लगभग एक सौ प्रजाततियों के पक्षी यूरोप और साइबेरिया के देशों से प्रजनन के लिए आते हैं इस समय में यहां काफी संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक भी आते हैं।

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