भगवान शिव के अरुल दीप का उत्सव: Karthigai Deepam 2025 में तिरुवन्नमलाई मंदिर में महा दीप प्रज्वलित
Karthigai Deepam 2025 : तिरुवन्नमलाई में कार्तिकाई दीपम हर साल श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत उत्साह और भक्ति का पर्व होता है। इस साल यह पर्व 3 दिसंबर 2025 को मनाया जा रहा है। यह रात तमिल कैलेंडर की सबसे आध्यात्मिक रातों में से एक मानी जाती है और इसे भगवान शिव के अनंत प्रकाश रूप को समर्पित किया गया है।
कार्तिकाई दीपम का समय कृत्तिका (कार्तिक) नक्षत्र के साथ मेल खाता है, जो 3 दिसंबर की शाम से शुरू होकर 4 दिसंबर की दोपहर तक रहता है। यह समय विशेष रूप से दीप जलाने और पूजा करने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।
तिरुवन्नमलाई अरुणाचलेश्वरर मंदिर में महा दीपम का कार्यक्रम || Maha Deepam event at Arunachaleswarar Temple in Thiruvannamalai
अरुणाचलेश्वरर मंदिर में कार्तिकाई दीपम के भव्य उत्सव कई दिनों तक चलता है, जिसे ब्रह्मोत्सवम कहा जाता है। लेकिन इस पर्व में दो प्रमुख क्षण होते हैं, जिन्हें श्रद्धालु बड़े उत्साह के साथ प्रतीक्षा करते हैं।
- भारनी दीपम (सुबह का दीप)
समय: लगभग सुबह 4:00 बजे
स्थान: मुख्य मंदिर प्रांगण के अंदर
महत्व: यह दिव्य ज्वाला के प्रकट होने का प्रतीक है।
- महा दीपम (शाम का हिलटॉप दीप)
समय: लगभग शाम 6:00 बजे
स्थान: अरुणाचला हिल के शिखर पर
विशेषता: यहाँ एक विशाल दीपक जलाया जाता है, जो दूर-दूर से दिखाई देता है।
यह क्षण तिरुवन्नमलाई में उपस्थित या ऑनलाइन जुड़े लाखों भक्तों के लिए पर्व का मुख्य आकर्षण होता है।
घर पर दीपक जलाने का शुभ समय ||Auspicious time to light lamps at home
समय: शाम 5:30 बजे से 6:30 बजे के बीच, सूर्यास्त के तुरंत बाद
परिवार गाय के घी या तिल के तेल से भरे मिट्टी के दीपक जलाते हैं।
यह परंपरा अज्ञानता को दूर करने और ज्ञान के आगमन का प्रतीक है।
घरों में दीयों की कतारें, बालकनी, दरवाजे और पूजा कक्षों को सजाकर मंदिर जैसी रोशनी बनाई जाती है।
घर में करने योग्य प्रमुख अनुष्ठान || Major rituals to perform at home
घर की सफाई और सजावट
प्रवेश द्वार पर कोलम बनाना
घर के सभी कोनों में दीपक जलाना
माविलक्कु तैयार करना – एक चावल के आटे की मिठाई जिसमें दीपक रखा जाता है
भजन और स्तुति का पाठ
परिवार के साथ पारंपरिक व्यंजन साझा करना और सामूहिक भक्ति का अनुभव करना
दीपक जलाने का महत्व || The Importance of Lighting a Lamp
कार्तिकाई दीपम सिर्फ दीपों का पर्व नहीं है, बल्कि यह दिव्य प्रकाश और चेतना का उत्सव भी है।
मंदिर और घर में दीपक जलाने का समय सशक्त खगोलीय ऊर्जा के साथ मेल खाता है, जो मन को शुद्ध और वातावरण को सकारात्मक बनाता है।
अरुणाचला हिल पर महा दीपम की लौ प्राचीन विश्वास की याद दिलाती है: प्रकाश अनंत है और हमारे भीतर भी दिव्यता का प्रकाश हमेशा मौजूद है।
ट्रैवल टिप || Travel tips
अगर आप तिरुवन्नमलाई की यात्रा कर रहे हैं, तो महा दीपम के समय हिलटॉप पर जाने की योजना पहले से बनाएं, क्योंकि लाखों भक्त इस अद्भुत दृश्य को देखने आते हैं। दीप जलने का दृश्य और मंदिर की भव्य सजावट एक आध्यात्मिक अनुभव देती है।

