Friday, March 29, 2024
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Unique temples of India: कहीं पर चढ़ाते है चॉकलेट, तो कहीं लगता है बर्गर का भोग

हिंदुस्तान आस्था और विश्वास के लिए जाना जाता है। हम जब कोई नया काम शुरू करते हैं तो उससे पहले भगवान का नाम लेते हैं। हमारे यहां कई हजारों लाखों मंदिर ( temple ) है। जहां पर भगवान ( GOD) को कई तरह के भोग लगाते हैं। हम और आप भी जब भी मंदिर जाते हैं तो नारियल, लड्डू, मिठाई, मिश्री, चने, ड्राईफूड जैसे किसी एक प्रसाद को चढ़ाते होंगे। लेकिन देश के कुछ मंदिर ( temple ) है ऐसे हैं जहां पर खास तरह का प्रसाद चढ़ाया जाता है। कहीं भगवान ( GOD) को चॉकलेट ( Chocolate ) तो कहीं पर बर्गर ( Burger ) तो कहीं पर नूडल्स ( Noodles ) चढ़ाते हैं। और तो और कहीं पर मन्नत पूरी होने पर घड़ी भी चढ़ाई जाती है। तो चलिए आज हम आपको भारत के अनोखे मंदिर ( Unique temples of India ) गुरुद्वारे और मजार के दर्शन कराते हैं।

चॉकलेट वाले भगवान ! : थेक्कन पलानी बालसुब्रमण्यम मंदिर ( Thekan Palani Balasubramanian Temple ) जो केरल ( Kerala ) के आलाप्पुड़ा ( Alappura ) में स्थित है। आलाप्पुड़ा को भारत का वेनिस भी कहा जाता है ( Alappura is also called Venice of India ) आलाप्पुड़ा का पहले नाम अलेप्पी था।  ये मंदिर बाहरी सुब्रह्मण्यमपुरम इलाके में बना हुआ है। यहां विराजमान भगवान मुरुगन ( Lord Murugan ) को सिर्फ प्रसाद के रूप में चॉकलेट ( Chocolate ) का भोग लगाया जाता है। इसके बाद वो चॉकलेट ( Chocolate ) वहां मौजूद भक्तों में बांट दी जाती है। मंदिर में भगवान मुरुगन ( Lord Murugan ) की मूर्ति उनके बालरूप में है। बताया जाता है कि शुरुआत में सिर्फ बच्चे ही भगवान बालमुरुगन को चॉकलेट चढ़ाते थे, लेकिन अब यहां पर चॉकलेट चढ़ाने का प्रचलन बन गया है। विदेशी पर्यटक और दूसरे राज्यों से आए लोग भी मंदिर में डिब्बा भरकर चॉकलेट ( Chocolate ) लाते हैं। हालांकि, यहां पर किसी को भी इस बारे में पता नहीं है कि चॉकलेट ( Chocolate ) चढ़ाने की परंपरा कब और कैसे शुरू हुई। इस अद्भुत, अकल्पनीय मंदिर की यात्रा करने बच्चे, बड़े और हर धर्म और जाति के लोग आते हैं।

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कौन हैं मुरुगन स्‍वामी: कर्तिकेय को केरल ( Kerala ) में मुरुगन के नाम से जाना जाता है। भगवान कार्तिकेय ( Lord Karthikeya ) माता पार्वती और शंकर भगवान के पुत्र हैं। यहां स्थानीय लोगों के बीच ‘मंच मुरुगन’ के नाम से भी प्रसिद्ध है।

कैसे जाएं: वायुमार्ग से आने वालों के लिए निकटतम हवाई अड्डा कोच्चि ( Kochi ) है, जो आलाप्पुड़ा ( Alappura ) शहर से लगभग 85 किलोमीटर की दूरी पर है। टैक्सी या बस से आप 1 घंटे में अलप्पुझा ( Alappura ) पहुंच सकते हैं। रेल मार्ग के जरिए आप आना चाहते हैं तो अलप्पुझा( Alappura ) रेल के नेटवर्क से जुड़ा हुआ प्रमुख स्टेशन है।

कहां ठहरें: वैसे तो आप यहां आने के पहले ही ऑनलाइन होटल बुक कर लेंगे, अगर आपने होटल बुक नहीं भी की हो तो कोई दिक्कत नहीं है, यहां पर केरल टूरिज्म ( Kerala Tourism ) के रेस्ट हाउस और होटलों के अलावा स्टार होटल से लेकर बजट होटल ठहरने के लिए मिल जाएगी।

जय दुर्गा पीठम मंदिर: तमिलनाडु ( Tamil Nadu ) की राजधानी चेन्नई ( Chennai ) में स्थित ‘जय दुर्गा पीठम मंदिर’ ( Jai Durga Peetham Temple ) भी अपने खास प्रसाद के लिए विख्यात है। यहां पर भगवान को मिठाई, लड्डू नहीं बल्कि बर्गर, सैंडविच, ब्राउनी और चेरी-टमाटर ( Burgers, Sandwiches, Brownies and Cherry Tomatoes ) का सलाद चढ़ाया जाता है। और वहीं प्रसाद फिर भक्तों को वापस भी दिया जाता है। मंदिर में मिलने वाले सभी खाद्य पदार्थ, एफएसएसआई ( FSSI ) से प्रमाणित भी हैं। इतना ही नहीं इस मॉर्डन मंदिर ने ‘बर्थडे केक प्रसादम’ ( Birthday Cake Prasadam ) की भी शुरुआत की है, यहां पर भक्तों को उनके जन्मदिन पर प्रसाद के रूप में केक दिया जाता है। मंदिर प्रबंधन ने रिकॉर्ड के तौर पर मंदिर में आने वाले भक्तों का पता और जन्मदिन की तारीख लिखी जाती है।

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कैसे जाएं: यहां पर पहुंचने के लिए आप BY AIR भी आ सकते हैं ये मंदिर चेन्नई एयरपोर्ट से 35 किलोमीटर दूर है। आपको एयरपोर्ट के बाहर से टैक्सी या फिर बस आसानी से मिल जाएगी। वहीं, आप रेल मार्ग से आते हैं तो चेन्नई रेलवे स्टेशन मंदिर से 38 किलोमीटर दूर है।

कहां ठहरें:  जय दुर्गा पीठम मंदिर के आसपास कई होटल है, जहां पर आपको बजट में रूम मिल जाएंगे।

नौगजा पीर: ये मजार पंजाब-हरियाणा बॉर्डर ( Punjab-Haryana border ) पर स्थित शाहबाद कस्बे से 7 किलोमीटर दूर हाईवे नंबर 1 पर पड़ती है। बताया जाता है कि पीर की लंबाई 9 गज थी,  इसी कारण यहां पर जो मजार बनाई गई है, उसकी लंबाई भी 9 गज है। इस मजार पर मन्नत पूरी होने पर घड़ी ( Watch ) चढ़ाई जाती है।  इस मजार को लेकर मान्यताएं भी है। कोई कहता है कि पीर बाबा समय के बहुत पाबंद थे। इसलिए यहां पर घड़ी ( Watch ) चढ़ाई जाती है। तो कई मानते हैं की हाईवे पर वाहन चालकों को समय पर और सुरक्षित पहुंचने की चिंता होती है। ऐसे में यहां घड़ी चढ़ा कर दुआ मांगते हैं, कि वे समय पर अपनी मंजिल में पहुंच जाएं। मजार पर हिंदू और मुस्लिम दोनों धर्म के लोग आते हैं। यहां पर भगवान शिव ( Lord Shiva ) का मंदिर भी है। हरियाणा सरकार ( Government of Haryana ) ने इसको दार्शनिक स्थल घोषित कर रखा है।

शहीद बाबा निहाल सिंह का गुरुद्वारा:  जालंधर ( Jalandhar ) के शहीद बाबा निहाल सिंह ( Shaheed Baba Nihal Singh ) के गुरुद्वारा में कोई खाने वाला प्रसाद नहीं चढ़ाया जाता, बल्कि प्रसाद के तौर पर खिलौने वाले हवाई जहाज ( airplane ) चढ़ाए जाते हैं। इस गुरुद्वारे को हवाई जहाज गुरुद्वारे के नाम से भी जाना जाता है। ये गुरुद्वारा जालंधर से 12 किलोमीटर दूर है। लोगों का मानना है कि यदि आप विदेश जाना चाहते हैं और आपका वीजा या पासपोर्ट नहीं बन पा रहा है तो, आप यहां पर आकर गुजारिश करें और खिलौने वाला हवाई जहाज दान करें । तो आपकी विदेश यात्रा की सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं

कैसे जाएं: तलहन गांव में स्थित गुरुद्वारे ( Gurudwara ) के लिए आप जालंधर ( Jalandhar ) से कार या फिर बस से आ सकते हैं। इसके अलावा आप कार लेकर दिल्ली ( Delhi ) से आना चाहते हैं तो 382 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ेगा। इसके अलावा आप दिल्ली से जालंधर ( Delhi to Jalandhar ) बस से भी आ सकते हैं।

काल भैरव मंदिर: काल भैरव मंदिर ( Kaal Bhairav ​​Temple ) उज्जैन ( Ujjain ) के महाकाल मंदिर ( Mahakal Temple ) से 5 किलोमीटर दूर है। यहां पर शिव अपने भैरव स्वरूप में विराजते हैं। यह दुनिया का एक मात्र ऐसा मंदिर है जहां पर भैरव भगवान पर मदिरा ( Wines ) का चढ़ावा चढ़ाया जाता है। आपको इस मंदिर के बाहर में सभी सामग्री मिल जाएगी ।

कैसे जाएं: उज्जैन ( Ujjain ) सड़क, हवाई और रेल सेवा से जुड़ा है। उज्जैन ( Ujjain ) के सबसे नजदीक हवाई अड्डा इंदौर ( Indore ) है। इंदौर, भोपाल, रतलाम, ग्वालियर ( Indore, Bhopal, Ratlam, Gwalior ) से बस और ट्रेन की सुविधा है।

कहां ठहरें : यहां पर रूकने की कोई दिक्कत नहीं है महाकाल मंदिर ( Mahakal Temple ) के आसपास कई लॉज और होटल है। जो आपको सस्ते दामों पर मिल जाएंगे ।

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चाइनीज काली मंदिर:  ये मंदिर कोलकाता ( Kolkata ) से 12 किलोमीटर दूर तांगरा इलाके ( Tangra area ) में स्थित हैं। ये देश का एक मात्र चाइनीज काली मंदिर ( Chinese Kali Temple ) है। इस मंदिर में काली माता ( Kali Temple ) को भोग के रूप में नूडल्स ( Noodles ), चॉप सुय, चावल और सब्जी ( Chop Suy, Rice and Vegetable ) के व्यंजन चढ़ाए जाते हैं। जो फिर भक्तों को दिए जाते हैं। जहां यह मंदिर स्थित है, वह क्षेत्र चाइना टाउन के नाम से भी प्रसिद्ध है। यहां ज्यादातर चीनी लोग रहते हैं।

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Sandeep Jain

पत्रकार की नजर से.....चलो घूम आते हैं

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