Adventure TourInteresting Travel FactsTeerth YatraTravel History

कहां है Bhimbetka Cave ? क्या है खासियत ? कैसे पहुंचे वहां पर ?

हिंदुस्तान में पहाड़ी गुफाओं के इतिहास के बारे में आपको जरूर पढ़ने को मिला होगा। आपको ये भी सुनने में मिला होगा की गुफाएं कभी ऋषि-मुनियों के लिए यज्ञ स्थली हुआ करती थी। हालांकि देश में कई जगह ऐसी गुफाएं हैं जिनका अपना इतिहास है। इसलिए हम भी आपको एक गुफा भीमबेटका ( Bhimbetka Cave ) के बारे में बताने जा रहे हैं जो विश्वविख्यात है।

कहां है भीमबेटका गुफा ?: ये भीमबेटका गुफा ( Bhimbetka Cave ) मध्यप्रदेश ( Madhya Pradesh ) के रायसेन ( Raisen ) जिले में स्थित है। ये गुफा भोपाल ( Bhopal ) से भी 45 किलोमीटर दूर है। इन गुफाओं को भीमबेटका रॉक शेल्टर ( Rock shelter ) या भीमबैठका भी कहते है। सात पहाड़ियों में से एक भीमबेटका की पहाड़ी पर 750 से ज्यादा Rock shelter मिली है, जो कि करीब 10 किलोमीटर के क्षेत्र में फैली हुई है। ये गुफाएं आदि- मानव द्वारा बनाए गए शैल चित्रों और शैलाश्रयों के लिए के लिए प्रसिद्ध हैं। कहा जाता है कि इनका संबंध ‘मध्य पाषाण’ काल से है। यहां की दीवार, लघुस्तूप, भवन, शुंग-गुप्त कालीन अभिलेख, शंख अभिलेख और परमार कालीन मंदिर हजारों साल पुराने हैं। भीमबेटका ( Bhimbetka ) का संबंध महाभारत के भीम से माना गया है। भीमबेटका ( Bhimbetka ) का उल्लेख पहली बार भारतीय पुरातात्विक रिकॉर्ड में 1888 में बुद्धिस्ट साइट के तौर पर आया है। भोपाल मंडल ने भीमबेटका को 1990 में राष्ट्रीय महत्व का स्थल घोषित किया था। और फिर यूनेस्को ( UNESCO ) ने भीमबेटका गुफाओं को 2003 में विश्व धरोहर माना ।

पढ़ें : कुछ दिन तो गुजारो गुजरात के जूनागढ़ ( Junagadh ) में, know Best places to visit

भीमबेटका गुफा की खासियत: विंध्य पर्वतमालाओं से घिरी हुई भीमबेटका गुफाओं ( Bhimbetka Cave ) में प्राकृतिक लाल और सफेद रंगों (कहीं-कहीं पीला और हरा रंग भी प्रयोग हुआ है) से वन्यप्राणियों के शिकार दृश्यों के अलावा घोड़े, हाथी, बाघ के चित्र उकेरे गए हैं। इन चित्रों में से यह दर्शाए गए चित्र मुख्य हैं- डांस, संगीत बजाने, शिकार करने, घोड़ों और हाथियों की सवारी, शरीर पर आभूषणों को सजाना आदि। कुछ गुफाओं में शेर, सिंह, जंगली सुअर, हाथियों, कुत्तों और घड़ियालों को पत्थरों पर उकेरा गया है। वहीं, यहां के आवासों की दीवारें धार्मिक संकेतों से सजी हुई हैं, जिसे देखकर ऐतिहासिक संस्कृति की झलक मिलती है। भीमबेटका की गुफा में सबसे पुरानी पेंटिंग 30,000 साल पुरानी पाई जाती हैं।

कैसे पड़ा नाम ?: भीमबेटका ( Bhimbetka ) नाम भीम, महाकाव्य महाभारत ( Mahabharata ) के देवता भीम से जुड़ा है। भीमबेटका शब्द भीमबैठका से लिया गया है, जिसका अर्थ है ‘भीम के बैठने की जगह’।

पढ़ें : लुधियाना ( Ludhiana ) की BEST 10 जगहें जहां आपको जरूर घूमना चाहिए

भीमबेटका ( Bhimbetka ) घूमने की एंट्री फीस: भीमबेटका ( Bhimbetka ) की सैर करने वालों को एंट्री फीस देनी होगी भारतीय नागरिकों के लिए entrance fees 10 रूपये प्रति व्यक्ति और विदेशी नागरिकों के लिए ये शुल्क 100 रूपये प्रति व्यक्ति निर्धारित है। यदि आप मोटर राइड का आनंद लेना चाहते है तो इसके लिए भारतीय नागरिकों को 50 रूपये प्रति व्यक्ति और विदेशी नागरिकों को 200 रूपये प्रति व्यक्ति चुकाने होंगे।

कब जाएं: भीमबेटका ( Bhimbetka ) घूमने के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के महीने में है। हालांकि, बारिश का मौसम भी यहा घूमने के लिए अच्छा माना जाता है। आप चाहे तो बारिश के मौसम में भी भीमबेटका ( Bhimbetka ) की सैर पर बिना सोचे समझे निकल सकते है।

कैसे जाएं: भीमबेटका घूमने आने वालों के लिए सबसे नजदीक एयरपोर्ट भोपाल है। आप दिल्ली, ग्वालियर, मुंबई, इंदौर से भोपाल आसानी से पहुंच सकते हैं। अगर आप रेल से जाना चाह रहे हैं, तो आपके लिए भोपाल ही सही जगह है, जहां से आप भीमबेटका बस और टैक्सी के जरिए पहुंच सकते हैं।

पढ़ें: भारत में कहां पर है पटनीटॉप ( Patnitop ) ? आइए आपको लिए चलें

दोस्तोंआप भी Travel Junoon के संग जुड़ सकते हैं और अपने लेख हजारों लोगों तक अपनी तस्वीर के साथ पहुंचा सकते हैं. आप अपना लिखा कोई भी Travel Blog, Travel Story हमें भेजें- GoTravelJunoon@gmail.com पर. हम उसे आपकी तस्वीर के साथ वेबसाइट पर अपलोड करेंगे ।

Sandeep Jain

पत्रकार की नजर से.....चलो घूम आते हैं

error: Content is protected !!