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Mawlynnong Village to Laitlyngkot: Dawki से Cherrapunji के रास्ते में मिला ‘कभी न भूलने वाला सबक’!

Mawlynnong Village to Laitlyngkot: Meghalaya Tour के इस Blog में आप जानेंगे कि कैसे हम Dawki और Mawlynnong Village का सफर पूरा करके रात को Laitlyngkot तक पहुंचे. Laitlyngkot तक के सफर में, रास्ते में क्या परेशानियां हुईं, क्या दिक्कतें पेश आईं, ये भी आप जानेंगे. हां, सबसे पहला सुझाव ये कि मेघालय में साढ़े 4 बजे शाम के बाद कहीं दूर न जाएं. जहां हैं, वहीं रुक जाएं. हां, अगर शिलॉन्ग या होटल के आसपास ही हैं, तो कोई बात नहीं 😉 ये जानकारी पढ़कर आप भी मेघालय के अपने सफर को बेहतर कर पाएंगे…

Dawki के बाद Mawlynnong गांव का टूर और फिर वापसी उस पॉइंट पर, जहां से चेरापूंजी का रास्ता अलग होता है. स्कूटी पर सवार होकर मैं और गौरव इसी पॉइंट की ओर बढ़े जा रहे थे… Mawlynnong गांव से निकले थे तो सबसे बड़ा चैलेंज यही था कि कैसे Laitlyngkot पहुंचा जाए. गांव से नीचे आते ही देखा कि पेट्रोल तो शून्य हो चला था. पता चला कि पेट्रोल पंप तो 5 किलोमीटर पीछे है. फिर क्या था… दौड़ा दी स्कूटी, 5 किलोमीटर पीछे… पेट्रोल लेकर आने में कम से कम पौना घंटा तो बीत ही गया था.

अब सर्दी बढ़ चुकी थी और शरीर भी थककर चूर हो चुका था. हिम्मत मानो थी ही नहीं… Google Map खोलकर मोबाइल को मैंने थामा हुआ था और गौरव ने स्कूटी… हम दोनों ही उस रात एक दूसरे का सहारा थे. बढ़ते बढ़ते एक जगह ऐसी आई, जहां लगा कि अब हमें रुकना चाहिए. मेरे पैर सुन्न हुए जा रहे थे. इसकी बड़ी वजह थी वह गीली जुराबें जिसे मैंने Mawlynnong Village में पहन लिया था. यही मेरे सबसे बड़ी गलती थी. मुझे लगा कि हल्की गीली ही तो हैं, सूख जाएंगी. लेकिन ये क्या, जुराबें सूखने के बजाय मेरी तकलीफ की वजह बन गई.

यहां एक दुकान दिखी तो मैंने गौरव से रुकने को कहा. उम्मीद थी कि वहां चाय मिलेगी. उतरकर जब पता किया तो कोल्डड्रिंक ही थी. ये भी क्या मजाक था. न अलाव और न चाय… शाम के 6 बजे ऐसा अंधेरा था कि पूछिए मत. डर भी लग रहा था… अगर हम बेसुध होकर कहीं गिर गए तो क्या होगा. Mawlynnong से जो Laitlyngkot 50 किलोमीटर था, वह 40 हुआ, 30 हुआ, और फिर 10… फोन में टकटकी लगाए मेरे सब्र का बांध टूटे जा रहा था. यह दूरी हमने करीब 2 घंटे में पूरी की.

Laitlyngkot वही जगह थी जहां हमने डाउकी जाते वक्त मैगी खाई थी. हमें जगह का नाम नहीं पता था. यहां रामगढ़ टाइप से गांव के नाम नहीं होते हैं न! सो, जुबान पर जब तक चढ़ते हैं, ट्रिप पूरी हो चुकी होती है. Laitlyngkot पहुंचने पर गहरा झटका लगा. ऐसा इसलिए क्योंकि वहां तो एकदम सन्नाटा था. सड़क किनारे कुछ दुकानें ही थी जहां फ्रूट बिक रहे थे. पूछा तो कोई जवाब ही न दे. भाषाई संकट यहां बहुत है. हमने फिर हौसला इकट्ठा किया.

इस रात ऐसा लग रहा था कि हम तिनका तिनका जोड़कर अपनी हिम्मत को जुटा रहे थे. मेरे दांत सालों बाद कटकटा रहे थे. सर्दी इतनी थी कि बस… दांत कटकटा रहे थे, पैर अकड़े जा रहा था… और दिमाग सुन्न हुए जा रहा था… शरीर जवाब नहीं दे रहा था. Google Map पर ही चेक किया तो एक Riverside Resort दिखा. कोई डेढ़ किलोमीटर दूर था. स्कूटी से हम चल दिए उसकी ओर. सड़क और रिसॉर्ट के बीच में एक बड़ा नाला है. Google MaP पर रिसॉर्ट तक जाने का रास्ता नहीं दिखा, तो हम आगे बढ़ गए…

फिर चेक किया और पूछा तो पता चला कि पीछे ही एक पतली पगडंडी है, जिसपर होकर Riverside Resort पहुंचा जा सकता है. Resort पहुंचते ही अहसास हुआ ये तो कमाल की जगह है. वहां एक कमरा 2700 रुपये का है. मोलभाव करते करते डील 1500 पर आकर रुकी. वैसे ये Resort था बेहतरीन. मैंने एक नजर देखा और तय कर लिया कि कभी फैमिली लेकर आउंगा , तो यहीं रुकूंगा… यहां बेहतरीन कमरे, वॉशरूम हैं. फ्रेश होकर जब बिस्तर पर बैठा तब जान में जान आई. ईश्वर का शुक्रिया कि सर्दी ने सिर्फ दांत ही कटकटाए… अगर सर्दी लग गई होती तो ये पूरी ट्रिप ही एक्सपॉइल हो जाती.

रात में हम लोगों ने भोजन किया और सो गए. सुबह जल्दी उठकर मैंने एक छोटा सा वॉक किया. वापस आकर डाटा ट्रांसफर किया और फिर नहा धोकर हम निकल गए Cherrapunji के लिए… आप इस सफर का पूरा ब्लॉग वीडियो में देख सकते हैं. वीडियो पसंद आए तो हमारे चैनल को जरूर फॉलो करें.

अगले ब्लॉग में पढ़िए Cherrapunji Tour का एक्सपीरियंस और गाइड भी…

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