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Kya Hota Hai soory grahan : क्या होता है सूर्य ग्रहण और इस दौरान ट्रैवल करने से क्यों बचना चाहिए

Kya Hota Hai soory grahan :  साल 2022 का अंतिम सूर्य ग्रहण आज 25 अक्टूबर को लग रहा है. भारत में यह​ एक आंशिक सूर्य ग्रहण है. यह देश के दिल्ली, बेंगलूरु, उज्जैन, कोलकाता, वाराणसी, मथुरा समेत कई शहरों में दिखाई देगा. यह सूर्य ग्रहण यूरोप, एशिया और उत्तरी-पूर्वी अफ्रीका के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा. आज के सूर्य ग्रहण का सूतक काल प्रात: 03 बजकर 17 मिनट से शुरू हो गया है. सूर्य ग्रहण के समापन के साथ ही सूतक काल का समापन होगा.

सूर्य ग्रहण 2022 समय || solar eclipse 2022 time

आज सूर्य ग्रहण का प्रारंभ शाम 04:28 बजे से होगा और इसका समापन शाम 05:30 बजे होगा. स्थान के आधार पर इसके प्रारंभ और समापन के समय में थोड़ा बहुत परिवर्तन संभव है.

क्या होता है सूर्य ग्रहण || what is solar eclipse

चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच में आता है, और इसलिए पृथ्वी पर उसकी छाया पड़ती है. इसको सूर्य का आंशिक या पूर्ण ग्रहण होता है. इस घटना को सूर्य ग्रहण कहा जाता है.

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जब ग्रहण पड़ते समय चांद  सूरज को पूरी तरह ढंक लेता है, तो इस प्रक्रिया को पूर्ण-ग्रहण कहा जाता हैं. पूर्ण-ग्रहण धरती के बहुत कम क्षेत्र में ही देखा जाता है क्योंकि, यह ज़्यादा से ज़्यादा दो सौ पचास (250) किलोमीटर के सम्पर्क में आती है, इस क्षेत्र के बाहर केवल खंड-ग्रहण ही लोगों को दिखाई देता है. वहीं, जब चांद, सूरज के सिर्फ़ कुछ हिस्से को ही ढ़कता है. यह स्थिति खण्ड-ग्रहण कहलाती है.

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पूर्ण- ग्रहण के समय चाँद को सूरज के सामने से गुजरने में दो घण्टे लगते हैं. चांद सूरज को पूरी तरह से, ज़्यादा से ज़्यादा, सात मिनट तक ढँक लेता है. उस समय के लिए आसमान में अंधेरा सा छा जाता है और दिन के समय भी रात हो जाती है.

सूर्य ग्रहण कितने प्रकार के होते है || How many types of solar eclipses are there?

सूर्य ग्रहण मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं, जो इस प्रकार से है –

पूर्ण सूर्य ग्रहण
आंशिक सूर्य ग्रहण
वलयाकार सूर्य ग्रहण

1. पूर्ण सूर्य ग्रहण|| Total solar eclipse

जब चन्द्रमा पृथ्वी के काफ़ी पास रहते हुए पृथ्वी और सूर्य के बीच में आ जाता है और चन्द्रमा पूरी तरह से पृथ्वी को अपने छाया क्षेत्र में ले लेता है. तो ऐसी स्थित में पूर्ण सूर्य ग्रहण होता है. इसके फलस्वरूप सूर्य का पूरा पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाता है और पृथ्वी पर अंधकार हो जाता है.तब पृथ्वी पर पूरा सूर्य दिखाई नहीं देता है. इस प्रकार बनने वाला ग्रहण पूर्ण सूर्य ग्रहण कहलाता है.

2. आंशिक सूर्य ग्रहण || partial solar eclipse

आंशिक सूर्यग्रहण तब होता है, जब चन्द्रमा सूर्य व पृथ्वी के बीच में इस प्रकार आता है, कि सूर्य का कुछ ही हिस्सा पृथ्वी से दिखाई नहीं देता है ऐसी स्थित को आंशिक सूर्य ग्रहण कहा जाता है. इसके अतिरिक्त इस तरह की प्रक्रिया हो जाने पर सूर्य का कुछ भाग ग्रहण ग्रास में तथा कुछ भाग ग्रहण से अप्रभावित हो जाता है, जिसके कारण पृथ्वी के उस भाग में लगा ग्रहण आंशिक सूर्य ग्रहण कहलाता है.

3. वलयाकार सूर्य ग्रहण || annular solar eclipse

सूर्य ग्रहण पड़ने के दौरान जब चन्द्रमा पृथ्वी के बहुत अधिक दूरी पर रहते हुए भी पृथ्वी और सूर्य के बीच में आ जाता है और पृथ्व से देखने पर चन्द्रमा द्वारा सूर्य पूरी तरह ढका हुआ नहीं नजर आता है और सूर्य के बाहर का क्षेत्र प्रकाशित होने के कारण कंगन या वलय के रूप में चमकता हुआ दिखाई देता है तो कंगन आकार में बना सूर्यग्रहण वलयाकार सूर्य ग्रहण कहलाता है.

सूर्य ग्रहण में सफर करने से बचना चाहिए || Avoid traveling in solar eclipse

ग्रहण के दौरान कही भी ट्रैवल करने से बचना चाहिए. क्योंकि इस दौरान यात्रा करने से कुछ भी अनहोनी आपको साथ हो सकती है.

Komal Mishra

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