Thursday, March 28, 2024
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Places to Visit Near Kedarnath: सोनप्रयाग से लेकर गौरीकुंड तक… ये हैं केदारनाथ में घूमने की जगहें

Places to Visit Near Kedarnath- केदारनाथ, उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है. यह स्थान गढ़वाल हिमालय में समुद्र तल से 3584 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. केदारनाथ मंदिर को हिंदू धर्म में चार धामों में सबसे पवित्र स्थल माना जाता है.

यह सभी 12 ज्योतिर्लिंगों में सबसे ऊंचा है. मंदिर के पास ही मंदाकिनी नदी बहती है. गर्मियों में चारधाम यात्रा के दौरान, इस तीर्थ स्थल पर भगवान शिव का आशीर्वाद लेने आने वाले पर्यटकों की भारी संख्या पहुंचती है.

केदारनाथ मंदिर लगभग 1000 वर्ष पुराना है. केदारनाथ शिवलिंग की बात की जाए, तो बताया गया है कि पांडवों को यहां भगवान शिव ने साक्षात दर्शन दिए थे, जिसके बाद पांडवों ने इस धाम को स्थापित किया.

भक्त गर्भगृह की ओर जाने वाली सीढ़ियों पर पाली भाषा में लिखे विभिन्न शिलालेख आज भी देख सकते हैं. समुद्र तल से 3584 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह स्थान सभी चार धामों तक पहुंचने के लिए सबसे कठिन स्थान है. यह मंदिर केवल गर्मियों में 6 महीने तक ही खुला रहता है. यह मंदिर सर्दियों में बंद रहता है, क्योंकि इस समय इस क्षेत्र में भारी बर्फबारी होती है.

केदारनाथ और उसके आसपास के पर्यटन स्थल

केदारनाथ जाने वाले यात्रियों को आदि गुरु शंकराचार्य की समाधि भी अवश्य देखनी चाहिए, जो केदारनाथ मंदिर के आसपास स्थित है. शंकराचार्य एक प्रसिद्ध हिंदू संत थे, जिन्हें अद्वैत वेदांत के बारे में जागरुकता फैलाने के लिए आज भी याद किया जाता है.

चार धामों की खोज के बाद उन्होंने इस विशेष स्थान पर 32 वर्ष की आयु में समाधि ली थी. सोनप्रयाग, केदारनाथ से 19 किमी दूर 1829 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. यह मूल रूप से बासुकी और मंदाकिनी नदी का संगम है.

यह स्थान अपने पानी के लिए प्रसिद्ध है, जिसके बारे में माना जाता है कि इसमें जादुई शक्तियां हैं. कहानियों के अनुसार, जो लोग इस पानी को छूते हैं, उन्हें बैकुंठ धाम में जगह मिलती है.

समुद्र तल से 4135 मीटर की ऊंचाई पर स्थित वासु की ताल ( Vasuki Tal ) केदारनाथ से 8 किमी की दूरी पर स्थित एक दूसरा प्रमुख स्थान है. झील हिमालय पर्वतमाला से घिरी हुई है, जो इसकी प्राकृतिक सुंदरता में चार चांद लगा देती है. शानदार चौखम्बा चोटियां भी इसी झील के पास स्थित हैं.

केदारनाथ वन्यजीव अभयारण्य ( Kedarnath Wildlife Sanctuary ), 1972 में स्थापित, अलकनंदा नदी के बेसिन पर स्थित है.अभयारण्य 967 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला है.  भरल, बिल्लियाँ, गोरल, सियार, काले भालू, हिम तेंदुआ, सांभर, तहर और सीरो जैसे जानवर अक्सर देखे जाते हैं.

अभयारण्य केदारनाथ कस्तूरी मृग की लुप्तप्राय प्रजातियों की भी रक्षा करता है. बर्ड वाचर्स विभिन्न प्रकार के पक्षियों को देख सकते हैं जैसे फ्लाईकैचर्स, मोनल्स और ग्रे-चीक्ड वॉरब्लर. केदारनाथ जाने वाले यात्रियों को समय मिले तो गुप्तकाशी भी अवश्य आएं.

Kedarnath Tour Blog – केदारनाथ और बद्रीनाथ की हमारी यात्रा की हर बाधा मानों भगवान ने खुद दूर कर दी!

इस क्षेत्र में 3 मंदिर हैं, जिनमें प्राचीन विश्वनाथ मंदिर, मणिकर्णिक कुंड और अर्धनारीश्वर मंदिर शामिल हैं. भक्त भगवान शिव को समर्पित अर्धनारीश्वर मंदिर में आधी नारी के रूप में भगवान की मूर्ति देख सकते हैं.

विश्वनाथ मंदिर में उनके कई अवतारों में भगवान शिव की मूर्ति भी है. केदारनाथ का एक अन्य लोकप्रिय मंदिर भैरव नाथ मंदिर है, जो 0.5 किमी की दूरी पर स्थित है. मंदिर भगवान भैरव को समर्पित है, जिन्हें शिव का गण माना जाता है.

मंदिर में देवता की मूर्ति की स्थापना केदारनाथ के पहले रावल द्वारा की गई थी.। 1982 मीटर की ऊंचाई पर स्थित गौरीकुंड ( Gaurikund ) केदारनाथ का एक फेमस पर्यटन स्थल है.

यहां एक प्राचीन मंदिर है, जो हिंदू देवी पार्वती को समर्पित है. किंवदंतियों के अनुसार, देवी पार्वती ने भगवान शिव को अपने पति के रूप में पाने के लिए यहां तपस्या की थी. गौरीकुंड में एक गर्म पानी का झरना है. कहा जाता है यह व्यक्ति के पापों को धोने में भी मदद करता है.

केदारनाथ मंदिर || Kedarnath Mandir

केदारनाथ में केदारनाथ मंदिर एक प्रमुख तीर्थस्थल है, जहां हिंदू भगवान शिव का ज्योतिर्लिंग विराजमान है. 3584 मीटर की ऊंचाई पर स्थित केदारनाथ का यह ज्योतिर्लिंग सभी 12 ज्योतिर्लिंगों में सबसे महत्वपूर्ण है. मंदाकिनी नदी 8वीं सदी के इस मंदिर के पास बहती है, जिसकी स्थापना आदि शंकराचार्य ने की थी.

यह मंदिर एक पुराने मंदिर से सटा हुआ है, जिसे पौराणिक कथाओं के अनुसार पांडवों ने बनवाया था. असेंबली हॉल की भीतरी दीवारों में विभिन्न हिंदू देवी-देवताओं की आकृतियां देखी जा सकती हैं.

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मंदिर 1000 साल से अधिक पुराना है, मंदिर में एक ‘गर्भ गृह’ है जहां भक्त भगवान की पूजा करते हैं. इसके अलावा, मंदिर परिसर में एक मंडप भी पाया जा सकता है, जहां विभिन्न धार्मिक प्रोग्राम आयोजित किए जाते हैं. लोककथाओं के अनुसार, कुरुक्षेत्र की लड़ाई समाप्त होने के बाद, पांडव अपने पापों के लिए पश्चाताप करने यहां आए थे.

सोनप्रयाग, केदारनाथ || Sonprayag near Kedarnath

सोनप्रयाग केदारनाथ से 19 किमी की दूरी पर लगभग 1829 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. यह वह स्थान है जहां बासुकी और मंदाकिनी नामक दो नदियां मिलती हैं.

केदारनाथ मार्ग पर स्थित यह स्थान नदी के पवित्र जल के कारण अत्यधिक धार्मिक महत्व रखता है.पौराणिक कथाओं के अनुसार सोनप्रयाग के जल का स्पर्श मात्र से बैकुंठ धाम की ओर एक कदम आगे बढ़ जाता है.

वासुकी ताल || Vasuki Tal

वासुकी ताल समुद्र तल से 4135 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और केदारनाथ से लगभग 8 किमी दूर है. शानदार हिमालय पर्वतमाला के बीच स्थित यह झील उत्तराखंड के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक मानी जाती है.

इस स्थान पर आने वाले यात्री चौखम्बा चोटियों की सुंदरता का भी आनंद ले सकते हैं, जो इस झील के आसपास स्थित हैं.

यहां तक पहुंचने के लिए यात्रियों को चतुरंगी और वासुकी के ग्लेशियरों को पार करना पड़ता है. इन ग्लेशियरों को पार करना एक मुश्किल काम है और इसके लिए बहुत ताकत और सहनशक्ति की आवश्यकता होती है.

पर्यटकों को सलाह दी जाती है कि वह जून और अक्टूबर के महीनों के बीच इस स्थान की यात्रा करें, क्योंकि इन महीनों में यहां का मौसम काफी अच्छा रहता है.

गुप्तकाशी || Guptkashi

गुप्तकाशी एक पर्यटन स्थल है, जो सदियों पुराने विश्वनाथ मंदिर, मणिकर्णिक कुंड और अर्धनारीश्वर मंदिर के लिए प्रसिद्ध है. अर्धनारीश्वर मंदिर में आधे पुरुष और आधी नारी के रूप में भगवान शिव की मूर्ति स्थापित है.

विश्वनाथ मंदिर को भगवान शिव के कई अवतारों में गिना जाता है. एक लोककथा के अनुसार, यह वही गंतव्य है जहां भगवान शिव ने कुछ समय के लिए खुद को छुपाया था. भगवान शिव भी बैल के रूप में केदारनाथ में छिपे थे.

भैरव नाथ || Bhairav nath

भैरव नाथ मंदिर केदारनाथ मंदिर से 0.5 किमी की दूरी पर स्थित है. मंदिर हिंदू देवता भगवान भैरव को समर्पित है, जो माना जाता है कि शिव के मुख्य गण, विनाश के हिंदू देवता हैं.

पहले रावल या राजपूत,  भिकुंड ने 3001 ईसा पूर्व में मंदिर में देवता की मूर्ति की स्थापना की. मंदिर के देवता को क्षेत्रपाल या क्षेत्र के संरक्षक के रूप में भी जाना जाता है. किंवदंतियों के अनुसार, जब केदारनाथ मंदिर सर्दियों के दौरान बंद हो जाता है, तो भैरवनाथ, मंदिर के परिसर की रखवाली करते हैं.

गौरीकुंड || Gaurikund

गौरीकुंड एक छोटा सा गांव है, जो केदारनाथ के लिए ट्रेकिंग बेस के रूप में कार्य करता है. यह स्थान, जो 1982 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, यहां देवी पार्वती को समर्पित एक सदियों पुराना मंदिर है.

ऐसा माना जाता है कि यह वही स्थान है जहां देवी पार्वती ने हिंदू भगवान शिव का दिल जीतने के लिए ध्यान किया था. इस क्षेत्र में गौरीकुंड नामक एक गर्म पानी का झरना है, जिसके पानी का औषधीय महत्व है और यह भक्तों के पापों को धोने के लिए भी यह जानी जाती है.

कैसे पहुंचें केदारनाथ || How to Reach Kedarnath Mandir

केदारनाथ के लिए सबसे नजदीकी हवाई अड्डा देहरादून का जॉली ग्रांट हवाई अड्डा है, जो सिर्फ 239 किमी दूर है. जो यात्री ट्रेन से यात्रा करना चाहते हैं, वे 227 किमी की दूरी पर स्थित ऋषिकेश रेलवे स्टेशन तक अपना टिकट बुक कर सकते हैं.

केदारनाथ जाने का सबसे अच्छा समय || Best Time to Visit Kedarnath

केदारनाथ जाने का सबसे अच्छा समय मई और अक्टूबर के बीच जाना चाहिए.

Komal Mishra

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