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Karvachauth vrat : कई शहरों में चांद का दीदार करके विवाहिताओं ने तोड़ा करवा चौथ का व्रत

Karvachauth vrat- यूपी और बिहार में कई जगहों पर करवा चौथ का चांद नजर आ गया है. चांद का दीदार करने के बाद सुहागिनों ने निर्जला व्रत तोड़ा. चंद्रमा को अर्घ्य देकर उन्होंने व्रत पूरा किया. करवा चौथ पर चांद देखने के बाद ही वह अपना व्रत तोड़ती हैं. करवा चौथ का व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि में किया जाता है.

महिलाएं पति के मंगल एवं दीघार्यु की कामना के लिए निर्जला रहकर इस व्रत को रखती हैं. चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत पूरा माना जाता है. करवाचौथ का व्रत अमृत सिद्धि योग एवं शिव योग में मनाया जा रहा है. ज्योतिषाचार्य पं.शिवकुमार शर्मा के अनुसार आज मृगशिरा नक्षत्र होने से अमृत सिद्धि योग बन रहा है. इस दिन 28 योगों में शिव योग आ रहा है. शिव का अर्थ होता है कल्याणकारी. ऐसे योग में करवाचौथ का व्रत सौभाग्यवती महिलाओं के पति की दीर्घायु देने वाला होता है.

पूजा की थाली यूं करें तैयार

सुहागिनें अपनी अपनी पूजा की थाली तैयार कर लें. करवाचौथ पर विधि-विधान से पूजा करने से लाभ मिलता है. व्रत रखने वाली महिलाएं लाल कपड़े पहनकर शाम को करवाचौथ व्रत की कथा सुनें. इसके बाद भगवान गणेश जी, शिव, पार्वती की पूजा करें. गणेश जी को मोदक का भोग लगाएं और फिर फूल चढ़ाएं. चंद्रमा को अर्घ्य देकर पूजा करें. व्रत खोलने के बाद पति और बड़ों का आशीर्वाद लें. चांद आने से पहले अपनी पूजा की थाली भी सजा लें.

Karwachauth Vrat : बिना पैसों के ऐसे मनाएं अपना करवा चौथ, वाइफ हो जाएंगी खुश

इसमें सभी आवश्यक चीजें रख लें. पूजा की थाली में छलनी, आटे का दीया, फल, ड्राईफ्रूट, मिठाई और दो पानी के लोटे होने चाहिए. एक लोटे से चंद्रमा को अर्घ्य दें और दूसरे लोटे के पानी से व्रत खोलें. पूजा की थाली में माचिस न रखें. चुन्नी को ओढ़कर चंद्रमा को अर्घ्य दें. छलनी में दीया रखकर चंद्रमा को उसमें से देखें, फिर उसी छलनी से तुरंत अपने पति को देखें. पूजा के बाद चांद को देखकर पहले आप अपने पति को पानी पिलाएं. इसके बाद पति के हाथ से पानी पिएं और मिठाई से अपना व्रत पूरा करें. इसके बाद आप बायना (खाना और कपड़े) निकालकर अपने बड़ों को दें और फिर खाना खाएं.

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करवा चौथ की मान्यताएं

कहते हैं कि करवा चौथ व्रत सुहागन स्त्रियां अपने पति के हित के लिए रखती हैं. इस दिन व्रत रखकर करवा चौथ की विशेष कथा का पाठ किया जाता है. कथा के अनुसार, इस दिन व्रती महिलाओं को कैंची और चाकू का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. इसके साथ ही न ही नाखून काटने चाहिए. कहते हैं कि जो महिलाएं ऐसा करती हैं उनके व्रत का फल नष्ट हो जाता है.

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करवा चौथ के लिए 16 श्रृंगार

करवा चौथ पर महिलाएं 16 श्रृंगार करती हैं. ये हैं सुहागिन महिला के 16 श्रृंगार- लाल रंग की साड़ी या लहंगा (या जो भी आप आउटफिट पहनना चाहें), सिंदूर, मंगलसूत्र, बिंदी, नथनी, काजल, गजरा, मेहंदी, अंगूठी, चूड़ियां, ईयररिंग्स (कर्णफूल), मांग टीका, कमरबंद, बाजूबंद, बिछिया और पायल.

पति की विजय के लिए रखा जाता था करवाचौथ का व्रत

सुहागिन स्त्रियों द्वारा पति की दीर्घायु के लिए निर्जला व्रत और फिर चांद देखकर व्रत तोड़ने की परम्परा में अब पति भी बराबर के भागीदार बन रहे है और खुशहाल दाम्पत्य जीवन की कामना के साथ कई पुरूष भी अपनी जीवन संगिनी के साथ व्रत रखते है. आज यह पति-पत्नी के बीच के सामंजस्य और रिश्ते की ऊष्मा से दमक और महक रहा है. आधुनिक दौर भी इस परंपरा को डिगा नहीं सका है बल्कि इसमें अब ज्यादा संवेदनशीलता, समर्पण और प्रेम की अभिव्यक्ति की गहराई दिखाई देती है.

सर्वार्थ सिद्धि योग में करें करवा चौथ पूजा

ज्योतिषाचार्य ब्रह्मदेव शुक्ला के मुताबिक, इस साल चतुर्थी बुधवार को पड़ने से भगवान गणेश की पूजा करना फलदायी होगा. महिलाएं इस दिन अखंड सौभाग्य की कामना कर व्रत रखती हैं. मृगशिरा नक्षत्र के स्वामी चन्द्रमा हैं. राशि के स्वामी शुक्र और बुध हैं. इसलिये बुधवार को दिनभर सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा.

एक साफ थाली लें और रुई को तेल में डुबाकर थाली के ऊपर शुभ चिह्न बनाएं.

अब थाली पर चुटकी से सिंदूर, हल्दी या रंगोली कलर डालकर थाली को अच्छी तरह हिलाएं. जितना रंग थाली के ऊपर टिके उसे रहने दें. बाकी बचे रंग को हटा दें.

आपकी थाली पर एक अच्छा सा डिजाइन आ जाएगा. अब इस डिजाइन के आसपास हीरे, मोती, नग और अन्य कई सजावटी सामग्री का इस्तेमाल किया जा सकता है.

मेहंदी की तरह कलर के कोन लेकर थाली पर सुंदर आकृति भी बनाई जा सकती है.

थाली और करवा के किनारों पर अलग-अलग रंगों की लेस चिपकाने से सुंदरता को और ज्यादा बढ़ाया जा सकता है.

चांद दिखने का समय

दिल्‍ली – 08:12 बजे

उत्तर प्रदेश में विभिन्न जिलों चांद कब दिखेगा

लखनऊ – 8:01 बजे

वाराणसी – 7:56 बजे

कानपुर – सुबह 8:05 बजे

इलाहाबाद – 8:01 बजे

आगरा – 8:12 बजे

मेरठ – 8:09 बजे

नोएडा – 8:12 बजे

गाजियाबाद – 8:11 बजे

गोरखपुर – 7:51 बजे

बरेली – 8:04 बजे

मथुरा – 8:15 बजे

अलीगढ़ – 8:10 बजे

मुरादाबाद – 8:05 बजे

सहारनपुर – 8:08 बजे

अयोध्या – 7:56 बजे

फिरोजाबाद – 8:11 बजे

मुजफ्फरनगर – 8:08 बजे

झांसी – 8:16 बजे

बदायूँ – 8:06 बजे

रामपुर – 8:04 बजे

शाहजहाँपुर – 8:03 बजे

फर्रुखाबाद – 8:07 बजे

हापुड़ – 8:10 बजे

मिर्जापुर – 7:58 बजे

इटावा – 8:09 बजे

बुलंदशहर – 8:10 बजे

सम्भल – 8:07 बजे

अमरोहा – 8:06 बजे

हरदोई – 8:03 बजे

फतेहपुर – 8:04 बजे

रायबरेली – 8:01 बजे

ओराई – 8:09 बजे

गोंडा – 7:56 बजे

मैनपुरी – 8:08 बजे

आजमगढ़ – 7:54 बजे

बस्ती – 8:54 बजे

सीतापुर – 8:00 बजे

बहराइच – 7:57 बजे

उन्नाव – 8:04 बजे

जौनपुर – 7:56 बजे

लखीमपुर – 7:59 बजे

हाथरस – 8:12 बजे

बांदा – 8:07 बजे

पीलीभीत – 8:01 बजे

बाराबंकी – रत 8:08 बजे

 

बिहार/झारखंड

पटना – 07:47 बजे

गया – 7:49 बजे

भागलपुर – 7:40 बजे

मुजफ्फरपुर – 7:44 बजे

पूर्णिया – 7:37 बजे

दरभंगा – 7:42 बजे

बिहारशरीफ – 7:46 बजे

अर्रह – 7:50 बजे

बेगूसराय – 7:43 बजे

कटिहार – 7:37 बजे

मुंगेर – 7:42 बजे

छपरा – 7:48 बजे

दानापुर – 7:47 बजे

बेतिया – 7:46 बजे

सहरसा – 7:40 बजे

सासाराम – 7:53 बजे

हाजीपुर – 7:46 बजे

डेहरी – 7:52 बजे

सीवान- 7:48 बजे

मोतिहारी – 7:45 बजे

नवादा – 7:47 बजे

बगहा – 7:47 बजे

बक्सर – 7:52 बजे

किशनगंज – 7:39 बजे

सीतामढ़ी – 7:43 बजे

जहानाबाद – 7:48 बजे

औरंगाबाद – 7:52 बजे

रांची –  7.51 बजे

हरियाणा- रात 08 बजकर 08 मिनट पर.

पंजाब – 08 बजकर 12 मिनट पर.

चंड़ीगढ़-  08:09 बजे शाम.

राजस्‍थान

जयपुर में चांद निकलने का समय– 8:22 बजे

जोधपुर में चांद निकलने का समय- 8.35 बजे

अजमेर में चांद निकलने का समय- 8.28 बजे

कोटा में चांद निकलने का समय- 8.26 बजे

अलवर में चांद निकलने का समय- 8.17 बजे

बीकानेर में चांद निकलने का समय- 8.30 बजे

उदयपुर में चांद निकलने का समय- 8.36 बजे

मध्‍य प्रदेश/ छत्तीसगढ़

भोपाल में चांद निकलने का समय- 8:24 बजे

– इंदौर में चांद निकलने का समय- 8.31 बजे

– रायपुर में चांद निकलने का समय: 8.11 बजे

 

बेंगलुरु- 08:44 बजे शाम

हैदराबाद- 08:32 बजे शाम

अहमदाबाद: 08:44 बजे शाम.

मुंबई- शाम 07 बजकर 40 मिनट पर.

क्यों होते हैं चंद्र दर्शन

चंद्रमा को मन का कारक माना गया है. चंद्रमा आयु, यश और समृद्धि का भी प्रतीक है. हिंदू मान्यताओं के अनुसार, चंद्रमा को भगवान ब्रह्मा का रूप माना जाता है और चांद को लंबी आयु का वरदान मिला हुआ है. चांद में सुंदरता, शीतलता, प्रेम, प्रसिद्धि और लंबी आयु जैसे गुण पाए जाते हैं, इसीलिए सभी महिलाएं चांद को देखकर ये कामना करती हैं कि ये सभी गुण उनके पति में आ जाएं

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